जबलपुर (ईन्यूज एमपी)-मध्यप्रदेश में भले ही गर्मी का दौर शुरू नहीं हुआ है मौसम इसमें तरावट लाए हुए हैं, लेकिन बिजली के दाम जरूर अब झटके देंगे चुनाव से करीब 6 महीने पहले सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को महंगाई का नया करंट दिया है। इसके मुताबिक मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी अब बिजली बिलों में लगने वाले एनर्जी और फिक्स चार्ज पर 5 प्रतिशत सरचार्ज वसूलेगी। सरचार्ज की यह नई व्यवस्था 24 अप्रैल से लागू कर दी गई है, लेकिन अभी ये 24 मई तक के लिए है। उसके बाद उत्पादन खर्च की समीक्षा कर नए सिरे से सरचार्ज का प्रतिशत तय किया जाएगा। प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब बिजली कंपनी ने विद्युत नियामक आयोग के अप्रूवल के बगैर कोई चार्ज बढ़ाया हो। नए प्रावधानों के मुताबिक पावर मैनेजमेंट कंपनी अब हर महीने यह सरचार्ज तय करेगी। अभी 5 प्रतिशत सरचार्ज लागू किया गया है। वह फरवरी महीने के उत्पादन खर्च की समीक्षा के बाद तय किया है। मई का सरचार्ज मार्च के खर्च के आधार पर तय होगा। एफसीए पहले हर तिमाही में फ्यूल कॉस्ट एडजेस्टमेंट (एफसीए) नियामक आयोग तय करता था। इससे साल में 4 बार एफसीए बिलों में जुड़ता था। इस जनवरी 2023 से मार्च तक के लिए इसे 34 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया था। यानी एक साल में 34 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी हो गई। एफपीपीएएस अब एफसीए की जगह फ्यूल एंड पावर पर्चेस एडजेस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) है। इससे पहले महीने अप्रैल-मई में ही बिजली 36 पैसे (200 यूनिट तक) प्रति यूनिट तक महंगी कर दी है। यह सरचार्ज हर स्लैब के साथ बदलेगा और बिल में आने वाले एनर्जी व फिक्स चार्ज का 5 प्रतिशत लिया जाएगा।