सतना (ईन्यूज एमपी)- कहते हैं लालच का फल अक्सर बुरा होता है, और हुआ भी यही जहां अमानत में खयानत करना तत्कालीन समिति सेवक को भारी पड़ गया कोर्ट ने उसे 5 साल कैद की सजा सुनाई है साथ ही उस पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। सतना के अपर सत्र न्यायाधीश इंदुकान्त तिवारी ने सहकारी समिति सोनौरा के तत्कालीन समिति सेवक जयनारायण पांडेय पिता देवकरण पांडेय निवासी पडखुरी रामपुर बाघेलान सतना को 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपी पर 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। प्रकरण में राज्य शासन की तरफ से एजीपी गिरिजेश पांडेय ने पैरवी की। अभियोजन के अनुसार सहकारी समिति सोनौरा में बतौर समिति सेवक पदस्थ रहे जयनारायण पांडेय ने 1 अप्रैल 2000 से 5 अगस्त 2003 तक की अवधि में समिति के 47 अमानतदारो से 5 लाख 21 हजार 130 रुपए जमा कराए थे। यह राशि उसे समिति के गुडुहुरू स्थित मुख्यालय में जमा कराना था। लेकिन उसने ऐसा न कर उस राशि का निजी इस्तेमाल और दुरुपयोग किया। इसकी शिकायत प्रह्लाद पांडेय ने 28 अगस्त 2013 को रामपुर बाघेलान थाना में दर्ज कराई थी। पुलिस को तमाम दस्तावेज भी सौंपे गए थे। पुलिस ने विवेचना पूर्ण कर प्रकरण अदालत में विचरण के लिए प्रस्तुत किया जहां आरोपी ने अपने बचाव में तर्क दिया कि उसे झूठा फंसाया गया है। रुपयों के लेनदेन का काम लक्ष्मी प्रसाद पांडेय करते थे। अदालत ने साक्ष्यों का अवलोकन कर और गवाहों के बयान दर्ज किए और आरोपी जयनारायण पाण्डेय को आईपीसी की धारा 409 के तहत दोषी करार दिया।