रीवा (ईन्यूज एमपी)-देशभर में रेल मंत्रालय ने नौकरी देने की नीति वापस ले ली है। ऐसे में जमीन के बदले भूमि स्वामियों को सिर्फ 5-5 लाख रुपए दिए जाएंगे। रेलवे बोर्ड अब कोई नौकरी नहीं देगा। इस बात की जानकारी हुजूर विकासखंड के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुराग तिवारी ने दी है। कहा कि ललितपुर-सिंगरौली नई रेल लाइन के लिए रीवा से मड़वा तक 17 ग्राम की भूमि अतिग्रहित की गई है। रेल मंत्रालय ने रेलवे बोर्ड के माध्यम से जानकारी दी है कि ऐसे भूमि स्वामी, जिनकी रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहित की गई है। उनको नौकरी देने की नीति वापस ले ली गई है। इस बाबत भारत सरकार के रेलवे बोर्ड एवं पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर द्वारा सूचित किया गया है। कहा है कि भू-अर्जन से प्रभावित किसानों को नौकरी के स्थान पर एक मुश्त 5 लाख रुपए देने का प्रावधान किया गया है। अनुराग तिवारी ने बताया कि रीवा जिले में गोडहर से लेकर गोविंदगढ़ और मड़वा तक जिन किसानों की भूमियों का अधिग्रहण किया गया है। ध्यान रहे जिन लोगों को रेलवे विभाग द्वारा नौकरी दे दी गई है, उनको छोड़कर शेष भूमि स्वामी, जिन्हें रेलवे विभाग में रोजगार प्राप्त नहीं हुआ है। ऐसे लोगों को परेशान नही होना है। बल्कि अपनी सहमति का नोटरीकृत सत्यापित शपथ पत्र के साथ बैंक पासबुक की स्वप्रमाणित छाया प्रति, आधार की छायाप्रति सहित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय तहसील हुजूर में उपस्थित होकर प्रस्तुत करें। ताकि उन्हें राशि का भुगतान किया जा सके। रेलवे बोर्ड ने नौकरी से वंचित सभी लोगों से मुआवजा लेने की अपील की है।