भोपाल (ईन्यूज एमपी)- वर्तमान में चुनावों के मद्देनजर सरकार हर किसी को साधने का प्रयास कर रही है और कर्मचारियों की भी नाराजगी को दूर करने में लगी हुई है शायद इसी का नतीजा है कि अब चुनावी साल में राज्य सरकार प्रदेश के 10 लाख कर्मचारियों को चार सौगातें देने जा रही है। तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का प्रोबेशन पीरियड चार से घटाकर दो साल किया जाएगा। इसमें ये भी प्रावधान जुड़ेगा कि सरकारी भर्ती में ज्वाइनिंग से ही कर्मचारी को 100% वेतन मिलेगा। 1.90 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को जल्द मानदेय में 1500 रु. और सहायिकाओं को 750 रु. बढ़कर मिलेंगे। राज्य में जब भी डीए बढ़ेगा, उसका भुगतान एक जनवरी 2023 से ही किया जाएगा। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि 2018 के पहले हमने जो लाभ दिए, उन्हें कांग्रेस सरकार ने 2019 में बंद कर दिया था। इन्हें हम फिर जल्द शुरू करने जा रहे हैं। 2018 के पहले तक कर्मचारी चयन मंडल (पूर्व में व्यापमं) से भर्ती होने पर तृतीय-चतुर्थ कर्मचारी को ज्वाइनिंग की तारीख से दो साल का प्रोबेशन पीरियड मिलता था। 2019 में कांग्रेस सरकार ने प्रोबेशन पीरियड चार साल कर दिया। इस अवधि को सीनियोरिटी में नहीं जोड़ने का आदेश दिया। इसके तहत कर्मचारियों को पहले साल में 70%, दूसरे में 80%, तीसरे में 90% और चौथे साल में 100% वेतन दिया जाने लगा। इस नियम से अब तक 60 हजार लोग भर्ती हो चुके हैं। अब भाजपा सरकार इस नियम को बदलने जा रही है। इसमें प्रोबेशन पीरियड चार से घटाकर दो साल करने जा रही है। 1 लाख 90 हजार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 1500 रु. तो सहायिकाओं को 750 रु. बढ़ा हुआ मानदेय दिया जाएगा। इसकी घोषणा इसी महीने होने की संभावना है। अभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 10000 रु. तो सहायिकाओं को 5000 रु. मासिक मानदेय मिलता है। बढ़ने के बाद नया मानदेय क्रमश: 11500 और 5750 रु. हो जाएगा। प्रदेश के 7.50 लाख कर्मचारियों के बढ़े हुए डीए (महंगाई भत्ता) की घोषणा जब भी हो, लेकिन इसका एरियर एक जनवरी से ही दिया जाएगा। अभी केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों का डीए 38% से बढ़ाकर 42% किया है, जबकि राज्य कर्मचारियों को अभी 38% ही डीए मिल रहा है। इस साल विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में राज्य कर्मचारियों के नए डीए की घोषणा जल्द की जा सकती है। कोरोना के दौरान पिछले दो सालों से वित्तीय स्थिति गड़बड़ाने से कर्मचारियों को केंद्रीय तिथि से डीए नहीं मिल पा रहा था। पदोन्नति का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए सरकार नए पदोन्नति नियम बनाने का रास्ता निकाल रही है। नई व्यवस्था के मुताबिक कर्मचारियों को पदोन्नति उच्च पद पर तो दी जाएगी, लेकिन पद के साथ प्रभारी लिखा होगा। इसके लिए विभाग अपने-अपने भर्ती नियमों में बदलाव करेंगे।