सतना (ईन्यूज एमपी)-सूचना का अधिकार के तहत जिस प्रकरण की जानकारी मांगी गई वह जानकारी मिलना तो दूर, उससे संबंधित प्रकरण की फाइल ही सरकारी दफ्तर से गायब हो गई। मामला जब राज्य सूचना आयोग पहुंचा तो आयुक्त ने इस पर हैरानी भरी नाराजगी जताई और एक्शन लेते हुए 3 कार्यालय प्रमुखों पर पेनाल्टी ठोंक दी। साथ ही राज्य सरकार को पब्लिक रिकार्ड एक्ट बनाने के निर्देश भी आयुक्त ने दिए हैं। मप्र के राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने सतना जिले के अमरपाटन राजस्व अनुविभाग में पदस्थ पूर्व व वर्तमान तीन अनुविभागीय अधिकारियों ( राजस्व) पर 57 हजार 950 रुपए का जुर्माना लगाया है। आयुक्त ने अमरपाटन के पूर्व एवं मऊगंज रीवा के वर्तमान एसडीएम एपी द्विवेदी पर 16 हजार 750 रुपए,नागौद के मौजूदा एसडीएम धीरेंद्र सिंह पर 25 हजार रुपए तथा अमरपाटन के वर्तमान एसडीएम केके पांडेय पर 16 हजार 200 रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि एक माह के अंदर जमा करानी होगी। पब्लिक रिकार्ड एक्ट बनवाए सरकार राज्य सूचना आयुक्त ने राज्य सरकार को भी निर्देश दिए हैं कि वह सरकारी दफ्तरों में दस्तावेजों और फाइलों की सुरक्षा के लिए पब्लिक रिकार्ड एक्ट बनाना सुनिश्चित करे। साथ ही अधिकारियों- कर्मचारियों की जवाबदेही भी निश्चित करे। आयुक्त ने कहा कि जब तक एक्ट प्रभाव में नही आता तब तक केंद्र सरकार के पब्लिक रिकार्ड एक्ट की गाइडलाइंस के अनुसार दस्तावेजों के प्रबंधन और सुरक्षा का इंतजाम करे। इस एक्ट के तहत दोषी को 5 वर्ष के कारावास और 10 हजार के जुर्माने का प्रावधान है। जानिए, क्या है पूरा मामला दरअसल,कटनी निवासी प्रकाश वर्मा ने 14 अक्टूबर 2019 को एक आवेदन अमरपाटन एसडीएम के समक्ष पेश कर सूचना के अधिकार के तहत जाति प्रमाण पत्र के बारे में जानकारी मांगी थी। तीन वर्ष का समय गुजर जाने के बाद भी प्रकाश वर्मा को जानकारी नही मिली। उसने सूचना आयोग में अपील दायर की तो पता चला कि उसका आवेदन ही गायब हो चुका है।तर्क दिया गया कि चाहे गए दस्तावेज उपलब्ध नही हैं। दफ्तर से आवेदन ही गायब हो जाने के इस मामले पर सूचना आयुक्त ने नाराजगी जताई।