रीवा (ईन्यूज एमपी)-जीजा ने साली को छेड़ा तो पूरे परिवार का खून खौल गया। ससुराल वाले दामाद को पीटते हुए जंगल में ले गए। यहां साले ने डंडे से वार किया, जिससे जीजा की मौत हो गई। आरोपियों ने जंगल में पत्थर की बाउंड्री में लाश दबा दी। एक-दो दिन में जाकर हड्डियां यहां-वहां फेंकते रहे। मामला रीवा जिले के मऊगंज में दामोदरगढ़ पहाड़ का है। यहां एक नर कंकाल मिला था, जिसका पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। आरोपियों ने काफी दिनों बाद दामाद के घरवालों को उसकी मौत की सूचना दी थी। मृतक के चाचा का लड़का आया और जंगल में मिली माला, राखी और कपड़ों से शिनाख्ती की। इसके बाद थाने में नर कंकाल की शिकायत की। छेड़छाड़ को लेकर तीन माह पहले दामाद की हत्या की गई थी। वारदात में ससुर के साथ 7 रिश्तेदार शामिल थे। घटना वाली रात घर में मुर्गा बना था। ऐसे में सभी लोग खाना खाने के बाद सो गए। सुबह 5 बजे दूसरे नंबर की बेटी चिल्लाई, पिता पहुंचा तो कहा कि जीजा छेड़ रहा था। ऐसे में घर के अंदर सो रहे रिश्तेदार जाग गए। छेड़खानी की बात सुन सभी का खून खौल गया। सब लोगों ने दामाद को समझाइश दी, लेकिन वह गाली-गलौज करने लगा। तभी चाचा व मौसी के लड़के भड़क गए। आक्रोशित होकर मारते-पीटते जंगल ले गए। वहां चचरे साले ने पीछे से डंडा मार दिया, जिससे जीजा की मौत हो गई। अंधी हत्या का खुलासा करने वाले एएसपी मऊगंज विवेक कुमार लाल ने बताया कि जड़कुड़ के रहने वाले बहादुर सिंह गोड़ (32) उर्फ छोटू पुत्र रामलाल ने अपने चचेरे भाई की हत्या की थी। सूचना देने मऊगंज थाने पहुंचा। कहा कि रामसुहावन सिंह गोड़ उर्फ संतोष पुत्र स्वर्गीय रामदास 27 वर्ष निवासी ग्राम जड़कुड़ थाना हनुमना हाल दामोदरगढ़ थाना मऊगंज अपनी ससुराल में एक वर्ष से रहता था। उसकी 3 माह से कोई खोज खबर नहीं थी। जानकारी न मिलने पर चचेरा भाई खोजते हुए मृतक के ससुराल गया। पता तलाश किया, तब गांव वालों ने बताया कि वह तीन माह से नहीं दिख रहा है। ससुराल वाले आना कानी कर रहे थे। ऐसे में फरियादी दामोदरगढ़ गांव में रिश्तेदार बेटू गोड़ के घर गया। उसने कहा कि कुछ गड़बड़ है। क्योंकि दामोदरगढ़ पहाड़ के जंगल में एक नर कंकाल मिला है। जिसकी हड्डियां दूर-दूर तक बिखरी पड़ी है। ब्रेसलेट, राखी और लॉकेट से पहचान मृतक के चचेरा भाई जंगल में नर कंकाल देख डर गया। वहां हड्डियों के बीच काले रंग का रबड़ ब्रेसलेट (झल्ला), पीले रंग की राखी, रुद्राक्ष में ओम लिखी लॉकेट वाली माला व आधार कार्ड दिखा। जिससे मृतक की पहचान हुई। इसके बाद थाने जाकर मऊगंज पुलिस को अवगत कराया गया। पुलिस ने सूचना के आधार पर मर्ग 109/22 आईपीसी धारा 174 कायम कर जांच शुरू की। गांव में मुखबिर दौड़ाए, तो बात सही निकली। मृतक के भाई ने पुलिस के सामने ससुराल पक्ष पर हत्या की आशंका जाहिर की। ऐसे में आरोपी शिवबहादुर सिंह गोड़ उर्फ छोटे पुत्र स्व. रजमोहन 50 वर्ष निवासी दामोदरगढ़ सहित उसके परिजनों के अलग-अलग बयान लिए। पूछताछ में आरोपियों ने हत्या की बात स्वीकार की। साथ ही कहा कि हत्या कर शव को जंगल में छिपा दिए थे। नर कंकाल मिलने पर अपराध क्रमांक 752/22 आईपीसी की धारा 302, 201 का प्रकरण दर्ज किया। मऊगंज पुलिस ने आरोपी ससुर शिवबहादुर सिंह गोड़ उर्फ छोटे पुत्र स्व. रजमोहन 50 वर्ष, दूर के रिश्तेदार भैया लाल सिंह गौड़ उर्फ बब्बू पुत्र जयभारत 26 वर्ष, चचेरा साला लालबहादुर सिंह गोड़ पुत्र रामसहाय 22 वर्ष, चचेरा साला, चचेरा साला दल प्रताप सिंह गोड़ उर्फ देव पुत्र तेज बलि 22 वर्ष, चचेरे चाचा वंशबहोर सिंह गोड़ उर्फ लाला पुत्र हीरा लाल 35 वर्ष सभी निवासी दामोदरगढ़ थाना मऊगंज से पूछताछ की गई। आरोपियों ने बताया कि 3 माह पहले बारिश के समय घर में मुर्गा पार्टी थी। खाने में रिश्तेदार कमल सिंह गोड़, सुनील सिंह गोड़, भैया लाल सिंह गोड़ शामिल हुए। सभी लोग भोजन के घर में रुक गए। भोर 5 बजे दामाद राम सुहावन ने दूसरे नंबर की बेटी के साथ छेड़खानी की। लड़की आवाज लगाई, तब सभी लोग जग गए। रामसुहावन को मना किए तो वह गाली-गलौज कर विवाद करने लगा। समझाने पर मारपीट करने पर उतारु हो गया। शोर शराबा सुनकर परिवार के लालबहादुर गोड़, दल प्रताप गोड़, वंशबहोर गोड़ आ गए। सभी लोगों ने दामाद को काफी समझाया। नहीं माना तो मारते पीटते हुए जंगल लेकर चले गए। वहां शिवबहादुर, बब्बू, सुनील सिंह और कमल गोड़ ने ने डंडे से मारकर हत्या कर दिए। हत्याकांड में 7 आरोपी थे। जिसमे पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि मौसी के लड़के कमल सिंह गोड़ पुत्र ददन और सुनील सिंह गोड़ उर्फ बाबा पुत्र ददन दोनों निवासी शेरवा थाना चितरंगी जिला सिंगरौली फरार है।