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Home मध्य प्रदेश फिर सताने लगा कोरोना का डर, स्वास्थ्य आयुक्त ने जारी की कलेक्टर और CMHO के लिए गाइडलाइन......

फिर सताने लगा कोरोना का डर, स्वास्थ्य आयुक्त ने जारी की कलेक्टर और CMHO के लिए गाइडलाइन......

भोपाल(ईन्यूजएमपी)- प्रदेश में कोविड के नए वैरिएंट का अलर्ट जारी करने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इससे निपटने के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। इसके लिए सभी जिलों के CMHO को सर्विलांस सैंपलिंग और पॉजिटिव मरीजों के लिए इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं, ताकि कोविड आउटब्रेक होने पर मरीजों को इलाज के लिए परेशान न होना पड़े।


कोविड हेल्थ बुलेटिन के अनुसार गुरुवार को प्रदेश में कोरोना का एक भी नया मरीज नहीं मिला है। बुधवार शाम कोरोना के लक्षण वाले 100 संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसके अलावा 9 सैंपल लैब से रिजेक्ट किए गए हैं। इसके चलते सभी 9 कोविड संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए दोबारा लिए जाएंगे।

कोविड के नए वैरिएंट BF.7 के अलर्ट के बीच भोपाल में गुरुवार को कोरोना जांच के लिए 95 सैंपल लिए गए। यह सैंपल गांधी मेडिकल कॉलेज, एम्स और दूसरे लैब भेजे गए हैं। सभी की जांच रिपोर्ट शुक्रवार को आएगी।

CMHO डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि पिछले दो सप्ताह में मिले 3 कोविड पॉजिटिव मरीजों के सैंपल जीनोम टेस्ट के लिए एम्स भोपाल भेजे हैं। जांच रिपोर्ट अगले सप्ताह आएगी।


भोपाल में गुरुवार को एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आने पर उसे होम आइसोलेशन से डिस्चार्ज कर दिया गया। इससे भोपाल में कोविड एक्टिव केस की संख्या 3 से घटकर 2 और प्रदेश में 7 से घटकर 6 हो गई है। इसकी पुष्टि स्वास्थ्य संचालनालय के एक सीनियर अफसर ने की है।

इंदौर में भी तैयारी, अस्पतालों के ऑक्सीजन प्लांट चलाकर देखे

कोरोना को लेकर प्रदेश सरकार ने जांच की गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके तहत हाई रिस्क ग्रुप के लोगों की जांच के लिए कहा गया है। कोविड प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की जांच भी करने के निर्देश दिए गए हैं। आपातकालीन स्थिति में जांच के लिए रैपिड किट का इस्तेमाल करने की भी अनुमति दे दी गई है। उधर, MGM मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने सरकारी अस्पतालों के ऑक्सीजन प्लांट्स को चलाकर देखा। संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा ने भी कॉलेज में डॉक्टरों से बात की। उन्होंने डॉक्टरों से जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन को जल्द शुरू करने के लिए कहा। IMA के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. सतीश जोशी कहते हैं, लोग प्रिकॉशन डोज नहीं लगवा रहे हैं। लोगों को इसे जल्द से जल्द लगवाना चाहिए।

जांच संबंधी गाइडलाइन जारी

स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े द्वारा कलेक्टर और CMHO के लिए जारी गाइडलाइन के अनुसार संक्रमित के संपर्क में आने वाले 60 से अधिक उम्र के बुजुर्ग, जिन्हें पूर्व से शुगर, बीपी, कैंसर हो और सर्दी-जुकाम के लक्षण भी हो तो जांच करवाई जाए। यानी हाई रिस्क ग्रुप वालों की ही जांच करना है।
कई जिला कलेक्टर द्वारा कोरोना को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगाने के निर्देश बार-बार हाथ धोने और सैटायर उपयोग करने की सलाह दी गई है।


BF.7 वैरिएंट कितना खतरनाक है, शुरुआती लक्षण क्या हैं?
कोविड के नए वैरिएंट BF.7 के संक्रमण की शुरुआत सामान्य छींक, सर्दी, खांसी और बुखार (वायरल फीवर के लक्षण) से होगी। लेकिन, 4 - 5 दिन में ही नए स्ट्रेन का वायरस संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ों तक को संक्रमित कर रहा है। नतीजतन कोविड के BF.7 स्ट्रेन वाले वायरस से संक्रमित व्यक्ति 6 से 8 दिन में गंभीर हालत में पहुंच रहा है। नए स्ट्रेन से संक्रमित होने का पता सेकेंड स्टेज में चल रहा है। इस वजह से चीन में BF.7 स्ट्रेन संक्रमित अधिकांश मरीजों को हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत पड़ रही है।

कोविड के अब तक के स्ट्रेन की तुलना में नए स्ट्रेन का ट्रांसमिशन रेट ज्यादा है?
कोविड के पुराने स्ट्रेन की तुलना में इसका ट्रांसमिशन रेट काफी ज्यादा है। कोविड के जितने भी पुराने स्ट्रेन थे, वह अधिकतम 6 से 8 लोगों को संक्रमित करते थे। लेकिन, कोविड के BF.7 स्ट्रेन संक्रमित व्यक्ति , संपर्क में आए 12 से 16 लोगों को संक्रमित कर सकता है।


छींक, सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायत होने पर कोविड टेस्ट कराएं। वायरल फीवर और कोविड, दोनों के लक्षण एक जैसे हैं। इसलिए संभव है कि कोविड की रिपोर्ट निगेटिव आए। बावजूद इसके जब तक सर्दी, खांसी, बुखार और छींक आने की परेशानी पूरी तरह से ठीक न हो जाए। भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।

क्या नए वैरिएंट की जांच के लिए नई टेस्ट किट की जरूरत होगी?

नहीं। कोविड के नए वैरिएंट की जांच ICMR अप्रूव्ड एंटीजन और RTPCR टेस्ट किट से की जा सकेगी। नया स्ट्रेन पुरानी किट से डिटेक्ट हो रहा है।


कोविड के BF.7 स्ट्रेन से संक्रमित होने का खतरा किसे ज्यादा है?

देश में 90% वयस्क कोविड का टीका लगवा चुके हैं। इनमें कोविड की एंटीबॉडी मौजूद है। लेकिन, एंटीबॉडी किस लेवल की है? यह किसी को पता नहीं है। 12 साल से कम उम्र के बच्चों को इसके संक्रमण का खतरा ज्यादा है। इसकी वजह बच्चों को किसी भी प्रकार की कोई भी कोविड का टीका नहीं लगना है।

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