सीधी (सचीन्द्र मिश्र): ईन्यूज़ एमपी की विशेष खबर- “लीला की सड़क से कम नही बढ़ौरानाथ के इस मार्ग की लीला, कब जुड़ेगा विकास की सूची में ?” — ने असर दिखा दिया है। बीते दिन कल हमने प्रमुखता से इस खबर को उठाया था कि किस प्रकार जिले के प्रसिद्ध बढ़ौरानाथ शिव मंदिर तक पहुंचने वाली सड़क की हालत बद से बदतर हो चुकी है, और वर्षों से विभाग इस पर चुप्पी साधे बैठा है। ईन्यूज़ एमपी ने जब कल बढ़ौरानाथ मार्ग की बदहाली पर सवाल उठाए, तो उसका असर चौंकाने वाला रहा। अब, इस खबर के दिखाए जाने के महज 24 घंटे के भीतर विभाग हरकत में आया और सड़क निर्माण की दिशा में कदम उठा लिए गए हैं। यह साफ संकेत है कि ईन्यूज़ एमपी की आवाज़ सीधे व्यवस्था के कानों तक पहुंचती है। जिस सड़क को श्रद्धालु कीचड़ भरी "लीला" कहते थे, और जिसे देखकर लगता था जैसे विकास ने इससे नाता ही तोड़ लिया है — अब वही सड़क संविधानिक जिम्मेदारियों की सूची में वापस शामिल हो गई है। बढ़ौरानाथ जैसे धार्मिक स्थल की सड़क की हालत पर जब हमने सवाल उठाया, तो आम जनता से लेकर सोशल मीडिया तक चर्चा शुरू हो गई। और आखिरकार, विभागीय चुप्पी टूटी, और निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया। क्या बदला? पीडब्ल्यूडी व पंचायत विभाग ने मौके का निरीक्षण कर सड़क निर्माण की प्रक्रिया शुरू की। स्थानीय प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से सुधार कार्यों का आश्वासन दिया। सड़क की सफाई, समतलीकरण व मरम्मत के प्रारंभिक चरण में काम जारी है। इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया है कि जब पत्रकारिता सच्चाई से समझौता नहीं करती, तो व्यवस्था को झुकना ही पड़ता है। ईन्यूज़ एमपी जनता की आवाज बनकर, न सिर्फ समस्या दिखाता है, बल्कि उसके समाधान की दिशा भी तैयार करता है।