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सीएम शिवराज ने सदन में कांग्रेस पर बोला हमला, अविश्‍वास प्रस्‍ताव खारिज.....

भोपाल (ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन है। सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। बुधवार को देर रात तक विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा पेश अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा चलती रही। आज सदन में मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विपक्ष के अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर अपना जवाब पेश करते हुए कांग्रेस पर करारा हमला बोला। सीएम के जवाब के बाद सदन में अविश्‍वास प्रस्‍ताव ध्‍वनिमत के आधार पर खारिज हो गया। इसके बाद सदन की कार्रवाई अनिश्‍चित काल के लिए स्‍थगित कर दी गई।

इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पक्ष के आरोपों की धज्‍जियां उड़ाते हुए कहा कि ऐसा लचर अविश्वास प्रस्ताव मैंने तो देखा ही नहीं है। अगर अविश्वास की बात करें तो कांग्रेस में कौन, किस पर विश्वास करता है समझ में ही नहीं आता है। हम पर आरोप लगाए जाते हैं कि हमने सरकार गिराई। 11 दिसंबर 2020 को मतगणना का दिन था। रात के 2:00 बजे तक हमने चुनाव परिणाम देखें और जो परिणाम आए उसमें हमारी 109 सीटें थी कांग्रेस की 114 सीटें थी। रात में मैं निश्चय करके सोया था कि सुबह ही मैं इस्तीफा दे दूंगा।

सीएम शिवराज ने कहा, कमल नाथ सरकार में 165 दिन में 450 आइएएस- आइपीएस के तबादले किए। 15 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के तबादले किए गए। वल्लभ भवन दलालों का अड्‌डा बन गया था। सीएम के ओएसडी का वीडियो वायरल हुआ, उसके कारण भ्रष्टाचार की विष बेल जैसी फैली। पूरे मप्र में त्राहि-त्राहि मच गई थी। हकीकत यह है कि सिंचाई के लिए पाइप लाइन की गुणवत्ता से भी कांग्रेस सरकार ने खिलवाड़ किया था। नियम, शर्तों से भी खिलवाड़ किया। घटिया गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग कर पैसों की बंदरबांट हुई थी। कांग्रेस सरकार ने भाजपा के विधायकों, नेताओं से बदले की भावना से नियम विरुद्ध जाकर कार्रवाई करने की कोशिश की। संपत्तियों को नेस्तनाबूद करने का कुचक्र रचा, कई दुकानें तोड़ी गईं। हमने राजनीतिक विद्वेष में कभी कोई कार्रवाई नहीं की। प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के लिए गुंडे, माफिया, बदमाशों पर कार्रवाई की, उनकी अवैध संपत्तियों को तोड़ा। लेकिन कांग्रेस सरकार ने भाजपा को निशाना बनाया था।

जनजातीय समुदाय के साथ कांग्रेस ने किया धोखा

जब तक कांग्रेस की सरकार थी बैगा, सहरिया, भारिया सहित अन्य जनजातीय समुदाय के पात्र हितग्राहियों के खातों में राशि नहीं पहुंची थी। कांग्रेस ने जनजातीय समुदाय के साथ भी धोखा किया। गरीबों के कल्याण के लिए शुरू की गई संबल योजना से लाखों गरीबों के नाम कांग्रेस की सरकार ने काट दिए। हमने बच्चों को लैपटॉप देने की योजना शुरू की थी, कांग्रेस सरकार ने लैपटॉप बांटना भी बंद कर दिया था।

अच्‍छे से काम करते तो आपके मंत्री आपको छोड़कर हमारे साथ नहीं आते

सीएम शिवराज ने कहा कि हर घर तक नल से पानी पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन योजना शुरुआत की, लेकिन मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार ने यह योजना शुरू ही नहीं की। प्रधानमंत्री मोदी ने गरीब परिवारों के लिए आवास योजना शुरू की, लेकिन मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार ने मकानों के प्रस्ताव भी लौटा दिए और राज्य के अंश की राशि भी कम कर दी, जिससे लाखों गरीब परिवारों के मकान का सपना टूटा। यदि कांग्रेस सरकार ने जनकल्याण और प्रदेश के विकास के लिए कार्य किया होता, तो उनकी ही सरकार के मंत्री उन्हें छोड़कर हमारे साथ ना आते। हमारे पास आए साथियों का फैसला सही था और जनता ने उन्हें उपचुनाव में भारी बहुमत से फिर से निर्वाचित किया।


कोरोना संकट से निपटने किया दिन-रात काम

सीएम शिवराज ने कहा कि कोरोना संकट से निबटने के लिए कांग्रेस की सरकार ने कोई तैयारी नहीं की थी। मेरी सरकार के पौने दो साल तो कोरोना से निबटने में ही निकल गए। 500 से ज्यादा बैठकें मैंने कीं। दिन-रात हमारी सरकार ने काम किया। मध्यप्रदेश की धरती पर जनजातीय समाज के कल्याण के लिए पेसा एक्ट लागू करने का काम भारतीय जनता पार्टी ने किया, कांग्रेस ने केवल झुनझुना पकड़ाने, छल करने का काम किया।

कांग्रेस सरकार ने कर्ज माफी का किया दिखावा

कर्ज माफी को लेकर उन्होंने कहा कि केवल दिखावा किया गया। विभिन्न प्रकार की रोक लगाई गई, जिससे किसानों को कोई लाभ ना मिल सके, जबकि हमारी सरकार ने 17000 करोड़ रुपए का फसल बीमा बांटा। किसानों को 35972 करोड़ों रुपए का बिजली अनुदान 15196 करोड़ों रुपए की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि 6352 करोड़ रुपए की राज्य सरकार की किसान सम्मान निधि की राशि दी गई किसानों को राहत राशि 3867 करोड़ रुपए दिए गए

एक लाख से अधिक युवाओं को देंगे नौकरी

सीएम शिवराज ने कहा कि प्रतिमाह रोजगार मेले लगाए जा रहे हैं जिनके माध्यम से स्वरोजगार दिया जा रहा है एक लाख से अधिक रिक्त पदों पर 15 अगस्त 2023 के पहले भर्ती हो जाएगी। प्रदेश के ऊपर बढ़ते कर्ज को लेकर लगाए आरोप का जवाब देते हुए कहा कि सीमा के अंदर ही विकास कार्यों के लिए ऋण लिया जा रहा है। इन्वेस्टर्स समिट हम करने जा रहे हैं, जिसमें निवेश आने की बड़ी संभावना है प्रदेश में अधोसंरचना विकास के कार्य तेजी से हो रहे हैं। एक्सप्रेसवे हो या फिर सिंचाई की सुविधा हर क्षेत्र में तेजी से काम हो रहा है।


राम-सीता संबंधी बयान पर जताया खेद

अविश्वास प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री के जवाब से पहले कांग्रेस ने उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव और विधायक रामेश्वर शर्मा द्वारा भगवान श्री राम और सीता माता को लेकर की गई टिप्पणी पर माफी मांगने को लेकर हंगामा किया। काफी देर तक इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच बहस होती रही और मुख्यमंत्री अपना उत्तर देना प्रारंभ नहीं कर पा रहे थे। इसे देखते हुए संसदीय कार्य मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कही गई बात पर खेद जताया! वहीं रामेश्वर शर्मा ने सदन में कहा कि मैं भी खेद जताता हूं यदि मेरे श्री राम कहने पर विपक्ष को ठेस पहुंची हो।

मुख्यमंत्री द्वारा जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा विभिन्न में योजनाओं को बंद करने के संबंध में आरोप लगाया जा रहा था, तब कांग्रेस के सदस्यों ने खड़े होकर विरोध जताया और कहा कि योजनाओं को बंद किए जाने के संबंध में प्रमाण सदन में प्रस्तुत करें। इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सदन का नेता जो बोलता है, वह प्रमाण ही होता है।

जीतू पटवारी का आरोप, महंगी बिजली, किसानों के कर्ज पर नहीं बोले सीएम

सदन के बाहर मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत में कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि बीजेपी कार्यालय में 400 रूपये प्रति कप चाय पिलाई। सदन में महंगी बिजली, किसानों के ऋण पर नहीं बोले मुख्यमंत्री। भाजपा सरकार को सबक सिखाएंगे किसान, बेरोजगार भाई।

नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह के 'अविश्वास' को नहीं मिला कमल नाथ का साथ

भाजपा सरकार के चौथे कार्यकाल में दूसरी बार विपक्षी दल कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। लेकिन बुधवार को नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह को पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ का साथ नहीं मिला। वे सरकार को घेराबंदी में सफल भी नहीं रहे। जिस समय सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रही थी, कमल नाथ विदिशा के सिरोंज में सभा को संबोधित कर रहे थे। इसको लेकर संसदीय कार्य मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने भी तंज कसते हुए कहा कि आपके नेता (कमल नाथ) अपने ही नेता प्रतिपक्ष के प्रति अविश्वास प्रकट कर रहे हैं। हालांकि, पूर्व मंत्री तरुण भनोत, जीतू पटवारी आदि ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश की।

15 माह की सरकार में भ्रष्टाचार ऐसा कि कुत्तों तक के तबादले कर दिए : डा. नरोत्तम मिश्रा

कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर पलटवार करते हुए गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने कमल नाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि वह सरकार डेढ़ साल आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई थी। वल्लभ भवन (मंत्रालय) को दलाली का अड्डा बना दिया था। 165 दिन में 450 आइएएस, आइपीएस और 15 हजार से अधिक कर्मचारियों के तबादले किए। कुत्तों तक को नहीं छोड़ा। 46 कुत्तों के तबादले कर दिए। एक भी किसान का दो लाख रुपये का ऋण माफ करना बता दें तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। एक समय था जब प्रदेश में डकैत, नक्सली और सिमी के आतंकियों का बोलबाला था लेकिन मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हमने न सिर्फ प्रदेश को डकैत मुक्त बनाया है बल्कि सिमी के नेटवर्क को भी ध्वस्त कर दिया। नक्सलियों को अब उनके घर में घुसकर मार रहे हैं। आलोचना का स्तर इतना गिर गया है कि श्री महाकाल महालोक को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। ऐसे ही आरोप सिंहस्थ को लेकर भी लगाए थे। डा. मिश्रा के जवाब के दौरान कई बार हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने अपने समुदाय को लेकर टिप्पणी की, जिस पर सत्ता पक्ष के साथ-साथ विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने भी आपत्ति की।

किसान, युवा सभी परेशान, भ्रष्टाचार का बोलबाला : डा. गोविंद सिंह

इससे पहले बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह ने कहा कि प्रदेश में किसान और युवा परेशान हैं। किसी की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। किसानों के नाम से चल रही स्वरोजगार योजनाएं बंद कर दीं। हजारों पद रिक्त हैं। बिजली विभाग ठेके पर है। बिजली के अनाप-शनाप बिल थमाए जा रहे हैं। प्रदेश के रोजगार कार्यालय में 32 लाख और भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में एक करोड़ 30 लाख बेरोजगार हैं। भ्रष्टाचार के विरुद्ध जांच करने वाले एजेंसी राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ लूट के केंद्र बन गए हैं। ई-टेंडरिंग घोटाले के सारे सुबूत नष्ट करवा दिए। लोकायुक्त के मामलों में 280 अधिकारियों पर चालान की अनुमति नहीं दी जा रही है। पोषण आहार में करोड़ों रुपये का घोटाला हो गया। अस्पतालों पर सरकार की मेहरबान ऐसी हैं कि अकेले चिरायु अस्पताल को 70 करोड़ रुपये दिए। पूर्व मंत्री तरुण भनोत ने कहा के 2004 में प्रदेश पर 26 हजार करोड़ रुपये का ऋण था और आज साढ़े तीन लाख रुपये का ऋण है। डकैत खत्म करने का दावा करते हैं पर सफेदपोश डकैत जो खजाना लूट रहे हैं, उनकी चिंता नहीं है। 27 लाख किसानों का हमने ऋण माफ किया। वहीं, जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश को कुपोषित बना दिया है। महिला अपराध, आदिवासियों के अत्याचार और दुष्कर्म की घटनाओं में नंबर वन है। कर्ज लेकर इवेंट किए जा रहे हैं। प्रदेश में प्रति व्यक्ति ऋण 52 हजार रुपये हो गया है।

मैं अपने वचन का पक्का हूं : कमल नाथ

उधर, सिरोंज जनसभा को संबोधित करने पहुंचे कमल नाथ ने कहा कि मैं अपने वचन का पक्का हूं। आज विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव हैं पर मैंने तीन सप्ताह पहले आपको वचन दिया था कि आपसे मिलने आऊंगा और मैं आया। मैं वचन से कभी पीछे नहीं हट सकता था। आपके बीच आना मेरी प्राथमिकता थी।

पटवारी के वक्तव्य से नाराज राज्यमंत्री भदौरिया चिल्लाते हुए गर्भगृह के नजदीक पहुंचे

कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के अविश्वास प्रस्ताव पर आए वक्तव्य से राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया नाराज हो गए और चिल्लाते हुए गर्भगृह में आने लगे। मंत्री विश्वास सारंग ने हाथ पकड़कर उन्हें रोका। इस पर कांग्रेस विधायकों ने आपत्ति ली। अध्यक्ष ने भी कहा यह सदन है मैदान नहीं। प्रियवृत्त सिंह ने कहा कि ऐसी घटनाएं कर सदन की कार्यवाही स्थगित कराना चाहते हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि खेद व्यक्त कर दें। तब संसदीय कार्यमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने खेद व्यक्त किया। पटवारी ने कहा मुझे पीटकर या हत्या कराकर स्वर्णिम मध्य प्रदेश बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा सीएम ने भ्रष्टाचार नहीं किया, पर सरकारी खर्चे पर भाजपा कार्यालय में एक साल में नौ करोड़ का खाना खिला दिया, तो 18 साल में कितने का हुआ?

आधी रात तक चलती रही विधानसभा की कार्यवाही

विधानसभा की कार्यवाही बुधवार आधी रात तक चलती रही। कांग्रेस विधायक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बगैर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का वक्तव्य सुनने को तैयार नहीं थे। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष डा. नरोत्तम मिश्रा के बीच बैठकें भी हुईं! पर कांग्रेस विधायक के सभी सदस्यों के वक्तव्य होने पर अड़े रहे। इस दौरान चार बार मुख्यमंत्री सदन में आए। उल्लेखनीय है कि अविश्वास प्रस्ताव पर दोपहर 12:18 बजे चर्चा शुरू हुई थी।

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