भोपाल (ईन्यूज एमपी)-आज भोपाल गैस काण्ड कि 38वीं बरसी है भोपाल गैस त्रासदी ठीक 37 साल पहले हुई थी। 2-3 दिसंबर 1984 की वो रात, जब यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के एक टैंक से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस रिस गई। चारों ओर भगदड़ मच गई। फैक्ट्री के आसपास के इलाके में लाशें बिछ गईं। चारों ओर लाशें ही लाशें थीं, जिन्हें ढोने के लिए गाड़ियां कम पड़ गईं। चीखें इतनी कि लोगों को आपस में बातें करना मुश्किल हो रहा था।धुंध इतनी कि पहचानना ही चैलेंज था। इस हादसे को भले ही 37 साल बीत चुके हों और आज 38वीं बरसी मनाई जा रही है, लेकिन दर्द आज भी ताजा है। किसी ने पति-बेटों को आंखों के सामने मरते देखा तो किसी ने अपनी तीन पीढ़ियां खो दी। JP नगर में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के प्लांट नंबर-CK टैंक नंबर-610 से लीक हुई मिथाइल आइसोसाइनेट ने हजारों परिवारों को तबाह कर दिया। इस रात को जब शहर चैन की नींद सो रहा था, तब गैस भोपाल के बड़े इलाकों में लाशों का ढेर बिछा रही थी। लाशों को ढोने के लिए गाड़ियां और कफन भी कम पड़ गए थे। भोपाल के 36 वार्डों को गैस कांड के बाद प्रभावित माना गया। रिकॉर्ड के मुताबिक, 3787 लोगों की मौत गैस रिसाव से 24 घंटे के भीतर हुईं। 35 हजार लोगों की अब तक जहरीली गैस के प्रभाव से मौतें हुईं। 5,74,386 लोगों को गैस त्रासदी का मुआवजा मिला। भोपाल गैसकांड दुनिया की सबसे बड़ी त्रासदी है। गूगल सर्च इंजन भी मानता है कि दुनिया में इससे पहले और अभी तक ऐसा कोई भी इंडस्ट्रियल डिजास्टर नहीं हुआ है, जो भोपाल गैस त्रासदी के दुख-दर्द और नुकसान के बराबर हो। भोपाल गैस कांड पीड़ितों का एक जत्था आज दिल्ली के लिए रवाना हुआ है। सभी अपनी मांगों को लेकर जंतर-मंतर पर धरना देंगे। भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने बताया कि केंद्र और मप्र सरकार गैस पीड़ितों को मुआवजा दिलाने का वादा पूरा करे, क्योंकि 10 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त मुआवजे की सुनवाई है। मप्र सरकार पीएम को चिट्ठी लिखें, ताकि 5 लाख 21 हजार गैस पीड़ितों को सही मुआवजा मिल सके। यूनियन कार्बाइड और डाव केमिकल से हर पीड़ित को 6 लाख रुपए मुआवजा मिलना चाहिए। पिछले एक महीने से हम भोपाल में हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं। केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट के सामने गैस पीड़ितों के लंबित मुआवजे के मामले में मौतों और बीमारियों के सही आंकड़े पेश करे। दिल्ली में गैस पीड़ित रसायन मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात करने की कोशिश भी करेंगे। भोपाल गैस त्रासदी दिवस पर शहर में 3 दिसंबर शनिवार को स्थानीय अवकाश रहेगा।