अंबिकापुर(ईन्यूज एमपी)- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तीन सदस्यीय टीम ने बलरामपुर जिले के प्रभारी खनिज अधिकारी अवधेश बारीक से लगभग 12 घण्टे तक पूछताछ की।इस दौरान खनिज कार्यालय में दस्तावेजों की भी जांच की गई।सोमवार रात लगभग 12 बजे ईडी की टीम प्रभारी खनिज अधिकारी को साथ लेकर चली गई है। प्रभारी जिला खनिज अधिकारी अवधेश बारीक इसके पहले रायगढ़ में पदस्थ थे। उनका मूल पद जिला सहायक खनिज अधिकारी का है लेकिन रायगढ़ के साथ बलरामपुर में भी वे प्रभारी जिला खनिज अधिकारी के पद पर कार्य कर रहे थे।छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन के विरुद्ध प्रति टन 25 रूपए की वसूली मामले में ईडी की जांच चल रही है। इसी मामले को लेकर ईडी की तीन सदस्यीय टीम ने सोमवार को बलरामपुर कलेक्टोरेट परिसर स्थित खनिज कार्यालय में दबिश दी थी।उस दौरान प्रभारी जिला खनिज अधिकारी कार्यालय में उपस्थित थे। ईडी की टीम ने प्रभारी खनिज अधिकारी को साथ लेकर कार्यालय में दस्तावेजों की जांच की। बंद कमरे में हुई पूछताछ के बाद ईडी की टीम जब बाहर निकली तो उनसे जानकारी लेने का प्रयास किया गया लेकिन अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।रात को ईडी की टीम अधिकारी को साथ लेकर चली गई है।बताया जा रहा है कि कोयला परिवहन की आड़ में वसूली को लेकर ईडी की कार्यवाही से पहले आयकर विभाग के अधिकारियों ने जांच की थी।इनमें बलरामपुर के प्रभारी खनिज अधिकारी अवधेश बारीक भी शामिल थे।धमतरी में जिस बजरंग पैकरा से ईडी की टीम ने जांच की थी वे पहले सरगुजा में पदस्थ थे।उनके यहां भी आयकर की टीम ने छापेमारी की थी। आयकर विभाग द्वारा जांच के लिए जमीन तैयार करने के बाद ही ईडी की टीम लगातार कार्यवाही कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने 11 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ में कोयले से अवैध वसूली को लेकर एक साथ कई स्थानों पर छापेमारी की थी। 14 अक्टूबर को वसूली रैकेट का राजफाश करते हुए ईडी ने बताया था कि जांच में राज्य में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध वसूली की जा रही है। इस घोटाले में मुख्य सरगना सूर्यकांत तिवारी को बताया गया था। ईडी ने आईएएस समीर विश्नोई के मकान से नकदी,जेवरात बरामद किए थे।यह जांच भी उसी का हिस्सा है।