सीधी (ईन्यूज एमपी)-सीधी जिले में बीते दिन दो रिश्वतखोरों के ऊपर कार्यवाही की गई पहली कार्यवाही में जहां पटवारी को लोकायुक्त पुलिस ने 5000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था तो वहीं देर शाम रिश्वतखोर डॉक्टर को ईओडब्ल्यू की टीम द्वारा पीएम रिपोर्ट बनाने के बदले ₹20000 की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। जी हां कहावत तो मैं सुनने को मिलता था कि कुछ लोग मुर्दो का कफन बेच कर भी खा जाते हैं लेकिन ऐसे लोगों को प्रत्यक्ष रूप से देखा नहीं गया था पर कल घटी घटना के बाद उजागर हुई सच्चाई ने एक डॉक्टर के चेहरे से नकाब हटा दिया और दिखा दिया कि यही वह लोग हैं जो मुर्दों तक को नहीं छोड़ते उनकी मौत के बाद भी यह पैसे का खेल खेलते हैं...? जी हां बता दें कि इओडब्ल्यू की टीम ने कल बुधवार रात करीब 8:30 बजे सीधी जिले के रामपुर नैकिन ब्लॉक में पदस्थ रिश्वतखोर मेडिकल ऑफिसर डॉ.प्रशांत तिवारी को 20 हजार रुपए की घूस लेते हुए पकड़ा है। रिश्वतखोर डॉ.प्रशांत तिवारी ने एक ग्रामीण की मौत होने पर उसके परिजनों को पीएम रिपोर्ट जारी करने के बदले घूस मागी थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम चोभरा के सुरेश यादव की 18 अगस्त को पानी में डूबकर मौत हो गई थी। शासन द्वारा पानी से डूबने पर मृत्यु होने पर परिजनों को चार लाख रुपए राहत राशि देने का प्रावधान है। इसके लिए पीएम रिपोर्ट की आवश्यकता होती है जिसका फायदा उठाते हुए डॉ. प्रशांत तिवारी ने पीएम रिपोर्ट नहीं बनाई। उन्होंने पीएम रिपोर्ट तैयार करने के बदले परिजनों से 50 हजार रुपए की लगातार मांग की जा रही थी जिससे परेशान होकर परिजनों ने इसकी शिकायत ईओडब्ल्यू में की गई थी। सुरेश के भाई राजेश यादव ने डॉक्टर से बात की तो पहली किस्त के रूप में 20 हजार रुपए देना तय हुआ। बुधवार रात को वह रुपए देने के लिए डॉ.प्रशांत तिवारी के घर पहुंचे। यहां डॉक्टर ने अपने रसोइए प्रमोद कुशवाहा को रुपए देने के लिए कहा। जैसे ही राजेश यादव ने प्रमोद कुशवाहा को रुपए दिए तभी इओडब्ल्यू की टीम ने आरोपी को पकड़ लिया। टीम ने आरोपी डाॅ.प्रशांत तिवारी और प्रमोद कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया गया। रीवा ईओडब्ल्यू टीम के निरीक्षक अरविंद दुबे, निरीक्षक मोहित सक्सेना, निरीक्षक प्रवीन चतुर्वेदी, उपनिरीक्षक सीएल रावत, उपनिरीक्षक आशीष मिश्रा, उपनिरीक्षक अभिषेक पांडे, उपनिरीक्षक गरिमा त्रिपाठी, एएसआई (एम) संतोष पांडे, प्रधान आरक्षक सत्यनारायण मिश्रा, प्रधान आरक्षक पुष्पेंद्र पटेल सहित 15 लोगों की टीम थी।