सीधी (ईन्यूज एमपी)- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीधी डॉ. आई. जे. गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 13 सितंबर के अवसर पर शासन के निर्देशानुसार जिले में अभियान के अन्तर्गत शासकीय एवं अशासकीय अनुदान प्राप्त शालाओं, आदिवासी आश्रम, प्रायवेट एवं अनुदान प्राप्त शालाएं, केन्द्र शासित शालाएं, मदरसों, स्थानीय निकाय की शालाएं, आंगनवाड़ी केन्द्रों तथा किशोर न्याय अधिनियम 2015 अंतर्गत संचालित चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट में 01 से 19 वर्षीय हितग्राहियों का कृमिनाशन किया जाएगा। ताकि मिट्टी जनित कृमि संक्रमण की रोकथाम हो सके। गंभीर कृमि संक्रमण के लक्षण होने से बच्चों को दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी तथा भुख न लगना, हल्के संक्रमण वाले बच्चों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। बच्चें में कृमि की मात्रा जितनी अधिक होगी संक्रमित व्यक्ति के लक्षण उतने ही अधिक होंगे। कृमिनाश से बच्चों में ये होते हैं लाभ कृमिनाशन से स्वास्थ्य और पोषण में सुधार, रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि, एनीमिया का नियंत्रण, सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार, वयस्क होने पर काम करने की क्षमता और आय में बढ़ोत्तरी जैसे लाभ होते हैं। कृमिनाशन के लिए 01 से 19 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजॉल 400 मिग्रा. की खुराक दी जाएगी। जिसमें एक से दो वर्ष के बच्चों को आधी गोली एवं 2 से 19 वर्ष के बच्चों को पुरी गोली की खुराक दी जाएगी।