सीधी (ईन्यूज एमपी) सीधी जिले में इन दिनों सियासी पारा गर्म होता दिखाई दे रहा है सिहावल विधायक के विरुद्ध शौंपे गए ज्ञापन के बाद आज सिहावल विधायक द्वारा तहसीलदार बहरी से पीड़ित लोगों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई और रोचक बात यह रही कि तहसीलदार बहरी के खिलाफ उठी आवाज अब जिले भर के राजस्व अमले को भी जद में ले रही है। जी हां बतादें कि विगत दिनों सीधी जिले में कुछ नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिले जहां एक जनप्रतिनिधि की सभा का पहले तो मजाक उड़ाया जाता है उसके बाद संगठन की आड़ में एक जनप्रतिनिधि को घेरने का प्रयास किया जाता है लेकिन शायद यह भूल गए थे कि सिहावल विधायक कमलेश्वर पटेल का नाम झुकने वालों में शुमार नहीं है। गौरतलब है कि पिछले दिनों सिहावल विधायक पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल द्वारा क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर बहरी तहसील का घेराव एवं धरना प्रदर्शन किया गया था जहां कई लोगों की शिकायतों के बाद प्रभारी तहसीलदार बहरी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे जिसके तहत विधायक द्वारा तहसीलदार बहरी का स्थानांतरण करने की मांग रखी गई थी लेकिन धरने के दौरान कई जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा भी विधायक की सभा का मजाक उड़ाया गया जिसके बाद विधायक ने अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान किया बहरहाल कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक की सूझबूझ के चलते देर रात धरना समाप्त किया गया और सात दिवस का समय मांगा गया लेकिन इस सात दिवस के पूर्व ही जिले भर के राजस्व अमले ने सिहावल विधायक पर संसदीय शब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप दिया गया जिसके बाद सियासी आग भड़क उठी और कांग्रेस पार्टी द्वारा भी इस बात का विरोध किया गया इसी तारतम्य में आज स्थानीय सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में सिहावल विधायक कमलेश्वर पटेल द्वारा पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा गया कि उनके द्वारा किसी भी अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं किया गया है तहसीलदार बहरी के भ्रष्टाचारियों की बात तो फरियादी यहां मौजूद है वही अपना बयान देंगे और करीब आधा दर्जन से ऊपर लोगों द्वारा लिखित एवं मौखिक रूप से सिहावल विधायक के समक्ष अपनी शिकायत में प्रस्तुत की गई। सिहावल विधायक द्वारा कहा गया कि राजस्व अमले ने जो किया मुझे उससे कोई लेना-देना नहीं लेकिन जिले में यह नई शुरुआत है, मुझे एसोसिएशन का डर ना दिखाएं। एक जनप्रतिनिधि जो जनता के हितों को लेकर अपनी आवाज उठाता है उसके खिलाफ ऐसा ज्ञापन देना उचित नहीं है उन्होंने कहा कि यदि कोई साक्ष्य है कि उनके द्वारा किसी से संसदीय भाषा का प्रयोग किया गया है तो वह माफी मांगने के लिए तैयार हैं लेकिन ज्ञापन के बाद दिए गए 7 दिवस के अंदर यदि उनकी मांगे पूरी नहीं होती तो जिला स्तर पर बृहद धरना प्रदर्शन होगा और उसका जिम्मेदार प्रशासन होगा उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि जितने लोग झूठा आरोप लगा रहे हैं और ज्ञापन सौंप रहे हैं सबके खिलाफ शिकायतें मेरे पास लंबित है और अगर वह नहीं सुधारते हैं उन पर भी कार्यवाही के लिए जनता की अदालत लगेगी और उसमें उन सबका फैसला होगा उन्होंने कहा कि जनता की आवाज उठाना मेरा काम है और मैं वह करता रहूंगा, मुझे इस तरह से डराया नहीं जा सकता जनता के हितों में मैं सदैव कार्यरत रहूंगा। सिहावल विधायक द्वारा राजस्व अमले को इशारों इशारों में हिदायत दी गई है कि प्रभार पर मिले पद का सदुपयोग करें दुरुपयोग ना करें अनावश्यक रूप से जनता को परेशान ना करें अन्यथा उनके खिलाफ जनता की अदालत चलेगी ....