सीधी (ईन्यूज एमपी)- लंबे अरसे बाद निकाय चुनावों में जीत हासिल कर नगर सरकार बनाने में सफल हुई कांग्रेस पार्टी के भीतर द्वंद झलकने लगा है और पहले दबे पांव तो अब सार्वजनिक रूप से आपसी विरोध और मनमुटाव उभर कर सामने आ रहा है जिसका उदाहरण हाल ही में दिए गए समितियों से दो इस्तीफे सवको हैरत में डाल दिये हैं। जी हां अभी हाल ही में निकाय चुनाव संपन्न हुए और नगर पालिका परिषद सीधी में काफी लंबे अंतराल के बाद कांग्रेस को विजय मिली और कांग्रेस के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष कुर्सी पर आसीन हुए जिससे के बाद जिले के 24 वार्ड में जनता को कुछ अलग और सकारात्मक कार्य की आस बंधी हुई थी लेकिन उपाध्यक्ष के पदभार ग्रहण करने और समितियों के गठन के बाद ही अंदरूनी कलह और विस्फोट देखने को मिला जहां कांग्रेस के दो पार्षदों द्वारा समितियों से इस्तीफा दे दिया गया और कहा गया कि मैं इस समिति और निर्णय से संतुष्ट नहीं हूं। जी हां वार्ड क्रमांक 6 के पार्षद हल्के सोनी एवं वार्ड क्रमांक 11 की पार्षद शिवांगी सिंह चौहान ने समितियों से इस्तीफा दे दिया है और उनके द्वारा साफ तौर पर विरोध व्यक्त किया गया है। देखने वाली बात यह है कि सब को सजो कर कड़ी मेहनत मशक्कत के बाद नपा में कांग्रेस का राज्याभिषेक हुआ ही था कि मंत्रियों के बगावती सुर मुखर हो चले हैं और कामकाज शुरू होने के पहले ही यह बगावती सुर कहीं ना कहीं कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी भी साबित हो सकते हैं आज दो बगावती स्वर मुखर हुए हैं तो कल 2 से 4 और 4 से 8 भी हो सकते हैं और यह ठीक नहीं होगा कांग्रेस के लिए क्योंकि अक्सर देखा गया है कि कांग्रेस में आपसी संघर्ष ने ही कांग्रेस की लुटिया डूबोई है, तो संयोजकों को चाहिए कि सब को संजोकर रखें नहीं तो विपक्ष का हाल तो सबको पता है मौका मिला नहीं की चौका लगा ही देते हैं।