भोपाल (ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहां राज्य सांख्यिकी आयोग गठित किया जा रहा है। आयोग के गठन की अनुशंसा टास्क फोर्स ने की थी। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही। वे गुरुवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित प्रशिक्षण एवं कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। मध्य प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान तैयार करने की कार्यपद्धति एवं गणना के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि इस दौर में सटीक आंकड़े उपलब्ध न हों तो नीति अच्छी नहीं बन पाएगी। आर्थिक गतिविधियों के तथ्यात्मक और सटीक आंकड़े हों तो योजनाओं का क्रियान्वयन अच्छे ढंग से संभव है। डाटा खराब होगा तो निष्कर्ष भी खराब निकलेंगे। हमें अच्छे डाटा की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवर्तन के लिए योजनाएं बनाने से लेकर क्रियान्वयन तक का दारोमदार आंकड़ों पर निर्भर है। राज्य और जिला स्तर पर पूर्ण कम्प्यूटराइजेशन का निर्णय लिया है। इससे काम करना आसान हो जाएगा। डाटा के मानकीकरण के लिए सांख्यिकी प्रकोष्ठ बनाया है। देश-प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए लक्ष्य तय करना पड़ेंगे। बिना बड़ा लक्ष्य निर्धारित किए हम बहुत आगे नहीं बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि दैनिक जीवन की गतिविधियों का आधार भी डाटा होता है। किसी भी क्षेत्र में बिना डाटा के कार्य नहीं चल सकता। वर्तमान सदी डाटा पर निर्भर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के लिए डाटा पर बल दिया है। डाटा शुद्ध विश्वसनीय हो, जिससे योजनाएं अच्छी बनें और उनका नीचे तक लाभ पहुंचे। उन्होंने कहा कि डाटा कलेक्शन के लिए प्रशिक्षण और आवश्यक व्यवस्थाएं करेंगे। डाटा की विश्वसनीयता के लिए दूसरी एजेंसियों का दखल नहीं होना चाहिए। डाटा जनोपयोगी और गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में 550 अरब डालर का योगदान प्रदेश देगा। कार्यक्रम को अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी ने भी संबोधित किया।