सीधी (ईन्यूज एमपी)- लंबे समय बाद हुए पंचायत चुनाव के बाद अब जनपद व जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव को लेकर जोर जुगत का दौर शुरू है, और जिला पंचायत सीधी के अध्यक्ष पद के लिए तो पक्ष विपक्ष दोनों एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं पर बात स्पष्ट नहीं हो पा रही कि आखिर दूल्हा होगा कौन किसी के पास दूल्हा ही नहीं है तो कोई दूजे के दूल्हे पर डोरे डाल रहा है। जिले में पंचायती चुनावों की बाढ़ के बाद बचे हुए पानी में हलचल का दौर तेज है, जिला पंचायत सदस्यों के चयन के बाद अब अध्यक्ष की कुर्सी के लिए दौड़ शुरू है दोनों प्रमुख दल अपने अपने चयनित सदस्यों को लेकर बेहद सतर्क हैं और एक दूजे के दल से सदस्य चुराने में लगे हुए हैं दोनों अपने दल के सदस्यों को संरक्षित किए बैठे हैं लेकिन अंदर ही अंदर गुणा गणित जारी है कोई पक्ष से विपक्ष में जाने को तैयार है तो कोई विपक्ष से पक्ष में आने को तैयार है लेकिन मांग वही अध्यक्ष पद ....वर्तमान परिस्थितियों पर देखा जाए तो 15 जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हो चुके हैं और 2 सदस्यों की सदस्यता अभी कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है और आगे क्या होगा कोई नहीं जानता लेकिन चुनावी गुणा गणित क्या होगा यह किसी की समझ में नहीं है क्योंकि जरूरी नहीं जिसके पास सदस्य अधिक है अध्यक्ष उसी का होगा और अतीत पर गौर करें तो हुआ भी वही है पक्ष विपक्ष ज्यादा होने के बावजूद निर्दलीय ने जिला पंचायत अध्यक्ष की कमान संभाली है और वर्तमान राजनीति के दिग्गजों की चर्चा पर गौर करें तो हाल फिर वही कुछ होने वाला है अध्यक्ष कौन होगा यह कोई नहीं जानता लेकिन अध्यक्ष किस बल पर बनेगा यह सब जानते हैं गांधी जी की कृपा जिस पर ज्यादा है और जो इस कृपा को जितना ज्यादा साझा कर सकता है वही योग्य उम्मीदवार होगा और ऐसे उम्मीदवार गिनती के ही हैं बावजूद इसके दोनों दलों मे कुर्सी के लिए खींचतान शुरू है कोई अपने सदस्यों को लेकर जिले से बाहर है तो कोई सतत निगरानी बनाए हुए हैं और तो और जन चर्चा है कि प्रदेश के मुखिया जिला पंचायत की कुर्सी को लेकर बेहद संजीदा हैं और पुरजोर कोशिश कर अपने दल के सदस्य कि ताजपोशी करने कि जुगत में लगे हुए हैं ना तो पूर्ण बहुमत पक्ष के पास है और ना ही विपक्ष के पास एक और जहां पक्ष पूरी बारात लेकर राजधानी में रुका है तो विपक्ष के पास अभी दूल्हे ही नहीं है। कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष का दूल्हा पहुंचेगा और शायद तभी विपक्ष की बारात सजे लेकिन पक्ष तो विपक्ष से ही दूल्हा लेने की जुगत में है अब देखना यह होगा कि विपक्ष का दूल्हा समय से पहुंचता है या फिर पक्ष विपक्षी खेमे से ही अपने दूल्हे का चुनाव करता है और इन सब के मंथन से कौन सा दूल्हा बाहर निकलता है सब्र करना होगा ।