सीधी (ईन्यूज एमपी)- भाजपा राज में भ्रष्टाचार चरम पर है कोई इसे स्वीकार करें या ना करें लेकिन यह सर्वविदित है और कुछ विभाग तो ऐसे हैं जो बिना सुविधा शुल्क के चलते ही नहीं हैं और यह बात सबको पता है कोई कहे या ना कहे आए दिन इन तमाम बातों का खुलासा भी होता है लेकिन मामा के राज में फैले चौतरफा भ्रष्टाचार पर कभी भी कार्यवाही नहीं होती खासकर परिवहन विभाग...? परिवहन विभाग के भ्रष्टाचार और मनमानियां यदा-कदा समाचारों चैनलों या सोशल मीडिया के मार्फत आमजन के सम्मुख आते ही रहते हैं लेकिन कार्यवाही की जगह कोरम पूर्ति ही होती है ना तो अब तक किसी अधिकारी पर कोई कार्यवाही हुई और ना ही भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की कोई कवायद की गई हद तो तब हो गई जब केंद्रीय परिवहन मंत्री को एमपी के सीएम शिवराज सिंह , परिवहन मंत्री एवं आईएएस अधिकारी इकवाल सिंह को पत्र लिखकर कार्यवाही करने की हिदायत दी गई । जी हां सोशल मीडिया पर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का एक पत्र वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान , मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत एवं मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को पत्र लिखकर बताया है कि मध्य प्रदेश के परिवहन नाको चेक पोस्ट पर अवैध वसूली चरम पर है उन्होंने कहा है कि नाकों पर गाड़ी के कागजात ठीक पाए जाने या अंडर लोड होने पर भी मालिक और ड्राइवर को परेशान किया जाता है जो गलत है इस अवैध वसूली से मध्य प्रदेश का नाम खराब हो रहा है केंद्रीय मंत्री गडकरी किया चिट्ठी 16 जुलाई 2022 की है जो सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। बता दें कि परिवहन विभाग की कारगुजारियां हर जगह इसी प्रकार हैं अवैध वसूली परिवहन कार्यालय में होने वाले कामों में कमीशन और दलालों की दलाली से आम आदमी त्रस्त है बात करें परिवहन कार्यालय सीधी की तो यहां नाम मात्र के सरकारी कर्मचारी हैं और पूरा का पूरा काम बाहरी व्यक्तियों एवं दलालों के माध्यम से होता है सरकार द्वारा तय की गई शुल्क से 4 से 5 गुना अधिक वसूली की जाती है फिर चाहे वह लाइसेंस बनवाने के नाम पर हो या वाहनों के रजिस्ट्रेशन या किसी अन्य कार्य यहां बिना सुविधा शुल्क कोई कार्य आगे नहीं बढ़ता कुछ ना कुछ दिक्कत बता कर फार्म रिजेक्ट कर दिया जाता है इन दिनों ट्रेनिंग स्कूलों के नाम पर भी वसूली का गोरखधंधा सीधी में जारी है एक कागज पर प्रमाण पत्र देने के नाम पर लोगों से मोटी रकम वसूली जाती है लाइसेंस रिनुअल करवाना हो या फिर नया बनवाना हो ट्रेनिंग स्कूल का प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया गया है चाहे आपने वहां ट्रेनिंग ली हो या नहीं महज 5 मिनट में आपको प्रमाण पत्र प्राप्त हो जाएगा और यह प्रमाण पत्र का खेल आरटीओ के संरक्षण पर पल रहे दलालों द्वारा ही किया जाता है इसी प्रकार लाइसेंस बनवाने के लिए कागज पूरे हो कि ना हो पैसे जरूर होने चाहिए और इन पैसों के दम पर तमाम तरह के फर्जी कागजात तैयार कर लिए जाते हैं और अपात्र को भी लाइसेंस दे दिया जाता है लेकिन इस ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं है ना तो जिला प्रशासन ना ही स्थानीय जनप्रतिनिधि और धड़ल्ले से यह गोरखधंधा फल फूल रहा है चिन्हित चेहरे मैनेजमेंट करने में जुटे रहते हैं लेकिन कभी ना कभी तो बात खुलेगी ही और जिस प्रकार केंद्रीय मंत्री ने प्रदेश के मंत्रालय को आगाह किया है उससे आगे भी कार्रवाई होने की राह साफ हो रही है। देखना होगा कि मध्यप्रदेश के सीधी में गड़करी का पत्र कितना कामयाब होता है ...