सीधी (ईन्यूज एमपी)- कहने को तो चुनाव आचार संहिता है कर्मचारी चुनाव कार्य में व्यस्त हैं लेकिन कहीं-कहीं हालात ऐसे हैं कि सरकारी कर्मचारी अपने प्रत्याशियों के प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं और बकायदा बाहुबल, धनबल का धौंस देकर तथाकथित सरकारी मुलाजिम आमजन में डर पैदा कर रहे हैं । नशा किसी भी चीज का हो वह नाश का कारण ही होता है और उसका दुष्प्रभाव कहीं ना कहीं देखने को मिल ही जाता है ऐसा ही एक मामला उभर कर सामने आया है जहां भांजा अपने मामा की धौंस देते हुए मतदाताओं को डरा धमका रहा है चुनाव जीतने के लिए धनबल और बाहुबल का प्रयोग कर रहा है और तो और मामा की राजनीतिक पकड़ और पैसे की अकड़ के बूते पर खुले आम मामा के पक्ष में वोट करने को कह रहा है, यद्यपि उसे एहसास नही है कि वह कर्मचारी भी है ...? लेकिन उसे इस बात का ना तो डर है और ना ही उस पर कार्यवाही हो रही है यह एक अकेला मामला नहीं है अधिकांश सरकारी कर्मचारी अपने घर के उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं बल्कि कई पंचायतें ऐसी हैं जहां से सचिव रोजगार सहायक के परिजन भी चुनाव मैदान में है और अपनी सरकारी नौकरी का धौस देते हुए दिखाई दे रहे हैं ...? जिले के जनप्रिय कलेक्टर से आमजनों की उम्मीदें टकटकी लगाये बाट जोह रही है कि ऐसे धनबलियों , बाहुबलियों पर आखिर शिकंजा कब ...