रीवा (ईन्यूज एमपी)- प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में स्वप्निल वानखडे आई.ए.एस. मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा द्वारा समय से जीईओ टैग नही करने एवं लापरवाही बरतने पर कठोर कार्यवाही हेतु संबंधित अधिकारियो/कर्मचारियो को समीक्षा बैठको में सचेत किया गया था तत्संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नईगढी से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार किरण तिवारी ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत भीर जनपद पंचायत नईगढी के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में प्रदाय लक्ष्य अनुसार द्वितीय किस्त का जियो टैग संतोषजनक नही है। वर्ष 2021-22 में प्रथम किस्त 302, द्वितीय किस्त 128 एवं तृतीय किस्त 0, इस प्रकार प्रथम एवं द्वितीय में 174 का अतंर था महात्मा गांधी राज्य रोजगार गारंटी परिषद के निहित प्रावधानो के तहत श्रीमती तिवारी की संविदा सेवा तत्काल प्रभाव से कलेक्टर रीवा द्वारा समाप्त की गयी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रीवा के द्वारा प्रेषित प्रस्ताव अनुसार कमला सिंह रोजगार सहायक ग्राम पंचायत तमरा द्वारा घोर लापरवाही करते हुये 05 पात्र हितग्राहियो को अपात्र किया गया। जिस संबंध मे सीएमहेल्पालाइन में प्राप्त शिकायत का जांच दल के जांच उपरान्त प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार पांचो हितग्राही पात्र पाये गये। उक्त पात्र हितग्राहियो को जीओ टैग करने हेतु श्रीमती सिंह को निर्देशित किया गया लेकिन श्रीमती सिंह के द्वारा न ही जीयो टैग व मस्टर रोल जारी किये गये। श्रीमती सिंह के अडियल रवैये कि शिकायत उपयंत्री द्वारा भी की गयी थी। श्रीमती सिंह द्वारा कारण बताओ सूचना पत्रो का स्पष्टीकरण नही दिया गया और न ही हितग्राही मूलक कार्य किये गये एवं कार्यशौली में समझाईस देने के बाद भी सुधार नही किया गया। उक्त कृत्य संविदा सेवा शर्तो के विपरीत होकर गम्भीर वित्तीय अनियमितता एवं कदाचरण की श्रेणी में आता है। महात्मा गांधी राज्य रोजगार गारंटी परिषद के निहित प्रावधानो के तहत श्रीमती सिंह की संविदा सेवा तत्काल प्रभाव से कलेक्टर महोदय रीवा द्वारा समाप्त की गयी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जवा के प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार राजमणि अहिरवार ग्राम रोजगार सहायक एवं प्रभारी सचिव ग्राम पंचायत गहिलवार के द्वारा पीसीसी सडक निर्माण में आहरित राशि दुरूपयोग एवं कार्यालय में अतिरिक्त कम्प्यूटर मरम्मत हेतु राशि व्यय किया जाना तीन सदस्यी जांच दल द्वारा जांच उपरान्त पाया गया। जिसमें पीसीसी सडक निर्माण की आधी राशि वसूली प्रस्तावित की गयी। लेकिन प्रभारी सचिव द्वारा न ही उक्त संबंध में उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया और न ही वसूली की राशि जमा करायी गयी। उपरोक्त कृत्य शासन को आर्थिक क्षति के साथ-साथ कार्य के प्रति लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता के श्रेणी में आता है। महात्मा गांधी राज्य रोजगार गारंटी परिषद के निहित प्रावधानो के तहत श्री अहिरवार की संविदा सेवा तत्काल प्रभाव से कलेक्टर रीवा द्वारा समाप्त की गयी।