भोपाल (ईन्यूज एमपी)-अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव की प्रक्रिया रोके जाने की वजह से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के उलझने के आसार बन गए हैं। सरकार सभी पहलूओं का अध्ययन करा रही है। एक-दो दिन में चुनाव को लेकर कदम उठाया जा सकता है। दरअसल, मौजूदा प्रक्रिया में ओबीसी के लिए आरक्षित पदों को छोड़कर चुनाव की प्रक्रिया संचालित की जा रही है। इससे दो बार पंचायत के चुनाव कराने पड़ेंगे। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार का स्पष्ट मत है कि चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ हों। इसके लिए विधि विशेषज्ञों से परामर्श किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को ओबीसी के लिए आरक्षित पदों को सामान्य में परिवर्तित करने के निर्देश दिए हैं। इसके मद्देनजर आयोग ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को सात दिन में आरक्षित पदों को पुन: अधिसूचित करने के लिए कहा है। ऐसा करने के लिए ओबीसी आरक्षण को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में समाप्त करना होगा। इस स्थिति से निपटने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधि विशेषज्ञों से सभी पहलुओं का अध्ययन के लिए कहा है। ओेबीसी आरक्षण को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने की तैयारी में भी है। उधर, कांग्रेस ने भी दो बार पंचायत चुनाव कराने को लेकर आपत्ति उठाई है। दरअसल, राज्य निर्वाचन आयोग पहले और दूसरे चरण के चुनाव में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित पदों को छोड़कर प्रक्रिया करा रहा है। दो लाख 15 हजार 35 अभ्यर्थी जिला और जनपद सदस्य के साथ सरपंच और पंच पद के लिए नामांकन पत्र जमा कर चुके हैं। अभ्यर्थी गुरुवार तक नाम वापस ले सकते हैं। पहले चरण का चुनाव छह जनवरी और दूसरे चरण का 28 जनवरी को होगा। परिणाम नहीं होंगे घोषित सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जब तक ओबीसी के लिए आरक्षित पदों को सामान्य में परिवर्तित करके चुनाव नहीं हो जाते हैं, तब तक परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा। आरक्षित पदों के लिए नए सिरे से चुनाव कराने में कम से कम डेढ़ माह का समय लगेगा। यह स्थिति भी तब बनेगी, जब सरकार ओबीसी के लिए आरक्षित जिला व जनपद पंचायत के सदस्य, सरपंच और पंच पद को पुन: अधिसूचित कर देती है।