सिंगरौली (ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत गड़ई के गौरापानी की विक्षिप्त महिला ने 5 मई फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मृतका के शव को डोली-खटोली से पोस्टमार्टम हेतु 4 कि. मी. दूर निवास तक ले जाया गया। पोस्टमार्टम उपरांत चौकी प्रभारी ने किराये का वाहन उपलब्ध कराकर मृतका पार्वती सिंह के शव को मोटरेबल स्थल तक वापस भिजवाया गया। ज्ञात हुआ है कि डोली-खटोली से शव को पोस्टमार्टम हेतु ले जाने के आरोप में निवास पुलिस चौकी प्रभारी सहित 2 अन्य कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। एक तथ्य विचारणीय है कि ऐसे मामलों में क्या पुलिस बल को शव वाहन की व्यवस्था दी गई है ? सम्पूर्ण लॉक डाऊन में जब आवागमन बंद हैं, तब तत्काल वाहन उपलब्ध कराया जाना संभव था ? संक्रमण काल में सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के उद्योगों द्वारा सी.एस. आर. मद से एम्बूलेंस, शव वाहन प्रदान किये जा रहे हैं। निवास में तो जे.पी. का भारी-भरकम पॉवर प्लांट चल रहा है। क्या प्लांट प्रबंधन से सहयोग लिया गया ? काबिलेगौर तथ्य यह भी है कि मृतका द्वारा जहां फांसी लगाई गई थी, वहां तक चार पहिया वाहन नहीं जा सकता। शव को पहुंच मार्ग तक अन्य साधन से ही लाया जा सकता था। करोना संक्रमण काल में पुलिस कर्मियों के निलंबन की कार्यवाही ? गले के नीचे नहीं उतरी।