नई दिल्ली(ईन्यूज एमपी) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी , गृहमंत्री अमित शाह सहित भाजपा नेताओं की तमाम कोशिशों के वावजूद पश्चिम बंगाल में तीसरी बार तृणमूल की सरकार बन रही है। ममता बनर्जी अब फिर राज्य की कमान संभालेंगी। दीदी को हराने के लिए भाजपा ने बड़ी मेहनत की थी। पार्टी के दिग्गज नेताओं की फौज सीएम बनर्जी को हराने मैदान में उतर गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ समेत बड़े नेताओं की चुनावी सभाएं हुई। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भविष्यवाणी कर दी थी कि बीजेपी 100 सीट भी जीत नहीं पाएंगी। जबकि भाजपा 200 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करने का दावा कर रही थी। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि पीएम मोदी से लेकर केंद्रीय मंत्रियों के चुनाव प्रचार और सत्ताधारी दल में सेंधमारी के बाद भी खेला हो गया दीदी ने दादा को जिस तरह से धूल चटाया वह कलयुगी इतिहास होगा चूक कंहा हुई आइए जानतें हैं पांच मुख्य वजह। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ध्रुवीकरण को बड़ा मुद्दे के रूप में देखा गया। बीजेपी लगातार ममता दीदी और टीएमसी पर तुष्टीकरण का आरोप लगा रही थी। भाजपा अपनी हर रैली व सभा में जय श्री राम के नारे पर हुए विवाद को मुद्दा बनाती रही। फिर तृणमूल भी इससे पीछे नहीं रही। बनर्जी ने सार्वजनिक मंच पर चंडी पाठ किया। फिर अपना गोत्र बताया और हरे कृष्ण हरे हरे का नारा भी दिया। कहा जा रहा था कि बंगाल के हिंदू वोटरों को रिझाने के लिए बीजेपी का दांव उनके पक्ष में जाएगा, लेकिन उल्टा हो गया। शीतलकूची फायरिंग और भाजपा नेताओं के बयान ने मुस्लिम वोट को एकजुट किया। हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि बंगाल में जमीन पर राजनीतिक ध्रुवीकरण देखने को मिला है। बतादें पश्चिम बंगाल के साथ ही असम, तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी के लिए विधानसभा चुनावों की मतगणना के बाद अब तक के रुझानो की तस्वीर साफ रही है। असम में भाजपा अपनी सत्ता बचाने में सफल रही है। जबकि केरल में दोबारा लेफ्ट की सरकार बनने के संकेल मिल रहे हैं। पुडुचेरी में भाजपा की सरकार बन सकती है। वहीं तमिलनाडु में डीएमके के नेतृत्व में सरकार बनती दिख रही है। यानी जयललिता और करुणानिधि की गैरमौजूदगी में 10 साल बाद उसकी सत्ता में वापसी होनेवाली है। सीएए जैसे बड़े मुद्दे के बाद असम में यह पहला चुनाव रहा और कांग्रेस ने पूरा दम लगाया, लेकिन कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई। देखिये असम, तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी चुनाव परिणाम से जुड़ी ताजा अपडेट - पश्चिम बंगाल में कुल 292 सीटों में बहुमत का 148 है । TMC 214 BJP 77 अन्य 01पर असम में कुल 126 सीटें हैं और यहां बहुमत का आंकड़ा 64 है। अब तक के रुझानों में भाजपा 74, कांग्रेस 49 सीट पर आगे चल रही हैं। 2 सीटों पर अन्य को बढ़त है।शुरुआती रुझानों के मुताबिक सीएम सर्बानंद सोनोवाल, स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, एजीपी चीफ अतुल क्रमशः बोरा, माजुली, जलुकबाड़ी और बोकाखाट से आगे चल रहे हैं। केरल में कुल 140 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 71 है। ताजा स्थिति के मुताबिक, लेफ्ट 99 और कांग्रेस गठबंधन 41 सीटों पर आगे है। यानी लेफ्ट एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है। भाजपा ने यहां मेट्रो मैन ई. श्रीधरन को उतारा था, लेकिन उसे खास फायदा नहीं मिला। तमिलनाडु राज्य में कुल 234 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 118 है। अब तक के रुझानों में AiDMK-BJP गठबंधन 80 सीटों पर और डीएमके-कांग्रेस गठबंधन 153 सीटों पर आगे है। अन्य को 1 सीट पर बढ़त मिली है। पुडुचेरी में कुल 30 सीट हैं और 3 मनोनीत सदस्य हैं। बहुमत का आंकड़ा 17 है। ताजा स्थिति के मुताबिक, भाजपा+ को 11 सीटों पर और कांग्रेस+ को 6 सीटों पर बढ़त मिली है। अन्य को 2 सीटों पर बढ़ती मिलती दिख रही है।