भोपाल (ईन्यूज़ एमपी )मंत्रियों को नसीहत:CM शिवराज बोले- PA-PS सोच समझकर रखें, ये ऐसी जाति है, सरकार बदलने के साथ ही बदल जाती हैमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नेआत्मनिर्भर मंथन की बैठक के बाद देर शाम मंत्रियों से अनौपचारिक चर्चा की। उन्होने मंत्रियों को दलालों से सतर्क रहने की नसीहत दी।मुख्यमंत्री ने बैठक में नायक फिल्म का उदाहरण देकर समझाय कहा, ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए दलाल सक्रिय हो जाते हैं, इसने बचकर रहना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों से कहा है कि वे अपने निज सहायक (PA)और निज सचिव (PS) सोच समझ कर रखें। ये ऐसी जाति है, जो सरकार बदलने के साथ बदल जाति है। ये इंतजार करते रहते हैं कि कब आपके (मंत्री) पास कोई जगह खाली हो और चिकनी-चुपड़ी बातें कर अपनी नियुक्ति करा लें, इनसे सावधान रहें। वरना आप बदनाम हो जाएंगे। सीएम ने नायक फिल्म का उदाहरण देकर समझाईश भी दी। मुख्यमंत्री ने कोलार डेम के निकट फॉरेस्ट गेस्ट हाउस में मंगलवार को आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के मंथन के लिए आयोजित बैठक समाप्त होने के बाद देर शाम मंत्रियों से अनौपचारिक चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को नसीहत देते हुए कहा कि दलालों से बचकर रहें। कई बार ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए दलाल सक्रिय हो जाते हैं। यह ऐसे दलाल होते हैं कि आपके साथ बैठते हैं और बाहर निकलकर कहते हैं कि बात हो गई है, काम हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से कहा कि वे अपने विभाग में फोकस करें। नए-नए आइडिया पर काम करें। उन्होंने कहा कि आप लोगों ने बचपन में पढ़ा होगा, 'करत-करत अभ्यास के जड़ मति होत सुजान, रसरी आवत जात ही, सिल पर होत निशान'। अगर हम सोचेंगे की आदत डालेंगे तो दिमाग सोचेगा, यदि सोचेंगे नहीं तो दिमाग कुंद हो जाएगा।सीएम ने कहा कि जब फ्रेश रहोगे, रिलेक्स रहोगे, तब ज्यादा बेहतर तरीके से सोच पाओगे। नहीं तो टेंशन में बैठ रहोगे। क्या करें? मंत्री जी है। फुर्सत ही नहीं मिलती है। उन्होंने कहा कि हम बेहतर काम करें। इसके लिए सोच विचार कर निर्णय लें।20 दिन पहले ही पंचायत राज्यमंत्री के विशेष को हटाया था पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल के विशेष सहायक वीरेंद्र पटेल को 14 दिसंबर 2020 को हटाया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पास पटेल की लगातार शिकायतें पहुंच रही थी। जिस पर मुख्यमंत्री ने नाराज़गी व्यक्त की थी। बता दें कि मुख्यमंत्री ने सत्ता में वापस आने के बाद मंत्रियों को हिदायत दी थी कि वे अपने स्टाफ में साफ छवि के अधिकारियों व कर्मचारियों को रखें। इसके साथ ही निर्देश दिए थे कि कांग्रेस शासन काल में जो अधिकारी - कर्मचारी मंत्री स्टॉफ में पदस्थ थे, उन्हें न रखें।