अनूपपुर ( ईन्यूज एमपी) अधिवक्ता रमेश गुप्ता व तहसीलदार पंकज नयन तिवारी के बीच हुई झड़प का मामला कई दिनों से तूल पकड़ा हुआ था,जो आज पूरे प्रदेश की सुर्खियां बनी हुई है,एक तरह जहां कोतमा बार काउंसिल के द्वारा सारे काम काज ठप्प कर राजस्व न्यायालय के सामने तम्बू लगाकर अनिश्चित कालीन हड़ताल कर नायब तहसीलदार पंकज नयन तिवारी के तबादले व शिकायतों पर जांच कार्यवाही पर अडिग रहे, वही पूरा राजस्व अमला कोतमा थाने सहित उच्चाधिकारियों को शिकायत देकर जांच व कार्यवाही की मांग पर अड़े रहे। भाजपा के वरिष्ठ नेता व अधिवक्ता रमेश गुप्ता के समर्थन में अधिवक्ता संघ कलेक्टर व कमिश्नर अनूपपुर से मिलकर मामले में तुरन्त निलंबन एवं कार्यवाही की मांग पर अड़े रहे, परिणामतः जिला प्रशासन ने राजनीतिक दबाव में बिना जांच के नायब तहसीलदार पंकज नयन तिवारी को एकतरफा कार्यमुक्त करते हुए आदेश जारी कर दिये,हालांकि नायब तहसीलदार पंकज नयन तिवारी का पूर्व में ही आयुक्त,शहडोल के आदेश द्वारा तबादला उमरिया के लिए हो चुका था। लेकिन तहसीलदारों की कमी एवं कोरोना काल को देखते हुए चुनावी आचारसंहिता में कार्यमुक्त नही किया गया था। अधिवक्ता रमेश गुप्ता व राजस्व अमले से चल रहे विवाद में अचानक तहसीलदार के कार्यमुक्त होने व रमेश गुप्ता को नोटरी बनाये जाने से राजस्व अधिकारी अपने आपको जंहा दुखी एवं असंतुष्ट महसूस कर रहे थे, वही संगठन द्वारा प्रदेश के समस्त जिला कलेक्टरों को उक्त मामले में जांच व कार्यवाही करने के लिए 28 दिसम्बर तक का अल्टीमेटम दिया गया था, जिस पर भी कोई कार्यवाही न होते देख कल से पूरे प्रदेस के राजस्व अधिकारी तहसीलदार व नायब तहसीलदार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। जिसको देखते हुए परिणामतःआज पुलिस प्रशासन को भाजपा के वरिष्ठ व जाने माने नेता अधिवक्ता व नोटरी रमेश गुप्ता पर सरकारी काम मे दखलंदाजी तथा बाधित करने के आरोप में अपराध क्रमांक 0571/2020 के द्वारा आई पी सी की धारा 294,506,353,186 के तहत अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया गया है,अब यह जांच में पता चलेगा कि आखिर मामला क्या था,कौन सही है,कौन गलत ....