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मध्यप्रदेश के 6,292 शिक्षकों को देनी होगी परीक्षा , खराब रिजल्ट आने पर ....

भोपाल (ईन्यूज एमपी)जिन हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल का रिजल्ट खराब(40 फीसदी तक) रहा था, उनके शिक्षकों की भी स्कूल शिक्षा विभाग परीक्षा लेगा। यह परीक्षा अब 3 और 4 जनवरी को होगी। हद तो यह है कि यह परीक्षा ओपन बुक पैटर्न की तर्ज पर होगी। यदि इस परीक्षा में भी ये टीचर पास नहीं हो पाए तो उन्हें एक और मौका दिया जाएगा।इस मौके में भी ये अपनी दक्षता नहीं दिखा पाए तो विभाग इंक्रीमेंट राेकने, निलंबन करने या अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई कर सकता है। अब सवाल यह उठता है कि इतनी सहूलियत के बाद भी यदि ये पास न हो पाए तो ये बच्चों को क्या पढ़ाते होंगे। परीक्षा के लिए शिवाजी नगर स्थित नेताजी सुभाष एक्सीलेंस स्कूल काे सेंटर बनाया गया है। इसमें भाेपाल जिले के 20 स्कूल शामिल हैं।

भोपाल के 40 और प्रदेश के 6,292 शिक्षकों को साबित करनी होगी दक्षता पेपर काे लेकर विभाग द्वारा गाेपनीयता भी बरती जा रही है। परीक्षा शुरू हाेने के एक घंटे पहले परीक्षा केंद्र एक्सीलेंस स्कूल के प्राचार्य काे ईमेल पर पेपर भेजा जाएगा। इसके बाद इसका प्रिंट आउट निकालकर पेपर की हार्ड काॅपी शिक्षकाें काे दी जाएगी। दाेनाें दिन पेपर का समय दाेपहर 12 से 3 बजे हाेगा।दूसरी बार भी पास नहीं हुए ताे यह कार्रवाई- इंक्रीमेंट राेकेंगे, निलंबन हाेगा, अनिवार्य सेवानिवृति16 शिक्षकाें काे पिछली साल अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया था जाे दूसरी बार की परीक्षा में भी पास नहीं हाे सके थे।

भाेपाल जिले के ये 20 स्कूल हैं शामिल आरिफ नगर के 3 मिडिल स्कूल, धामनिया के 2 मिडिल स्कूल, बंगरसिया स्थित 3 मिडिल स्कूल, बिनेका स्थित 3 मिडिल स्कूल, बैरसिया के अर्जुनखेड़ी के 2, रानी खजूरी के 2, चंदा सलाेई का 1 ,इमलिया के 3 और भाेजपुर का 1 स्कूल शामिल है।

मप्र शिक्षक कांग्रेस के प्रतिनिधि रामनरेश त्रिपाठी, निर्मल अग्रवाल, सुभाष सक्सेना, नवनीत चतुर्वेदी समेत अन्य पदाधिकारी बुधवार काे स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार से मिले। इन्हाेंने मंत्री से यह परीक्षा निरस्त करने की मांग की। इनका तर्क है कि यह नियम विरुद्ध है।


परीक्षा के फॉर्मेट काे लेकर शिक्षकाें के संगठनाें ने सवाल भी उठाए हैं। शिक्षक संघाें के उपेंद्र काैशल, मुकेश शर्मा, अरविंद श्रीवास्तव का कहना है कि 10वीं-12वीं का रिजल्ट बिगड़ा ताे मिडिल स्कूलाें के शिक्षकाें की परीक्षा क्याें ली जा रही है। विभाग के अधिकारियाें का तर्क है कि मिडिल की 8वीं कक्षा में पढ़कर ही विद्यार्थी 10वीं में पहुंचे हैं, इसीलिए इन शिक्षकाें काे भी शामिल किया गया है। बुधवार काे इन्हाेंने मुख्यमंत्री के नाम संबाेधित ज्ञापन कलेक्टर काे साैंपा।

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