इंदौर (ईन्यूज़ एमपी) अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि, न्यायालय शाहाबुद्दीन हाशमी, 27 वें अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, इंदौर के समक्ष थाना चन्दन नगर के सत्र प्र.क्र. 474/2011 धारा 302, 324, 147, 149, 148 भादवि में निर्णय पारित करते हुए आरोपी बबली उर्फ देवेन्द्र पिता मानसिंह उम्र 37 वर्ष, भरत राठौर पिता बाबूलाल राठौर उम्र 45 वर्ष, उक्त दोनों निवासी चन्दन नगर, इंदौर धर्मेन्द्र पिता अन्तर सिंह पवार 32 वर्ष, गोवर्धन पिता अन्तर सिंह पवार उम्र 40 वर्ष निवासी- मारूती पैलेस, इंदौर आरोपियों को धारा 302/149 में आजीवन कारावास व 2000 रूपये अर्थ दंड से दंडित किया, अर्थ दंड की राशि अदा न किए जाने पर 1 वर्ष के अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताये जाने का भी आदेश किया गया एवं धारा 324/149 एवं 148 में 1-1 वर्ष का सश्रम कारावास व 500-500 रूपये अर्थ दण्ड से दंडित किया गया एवं अर्थ दण्ड अदा न किये जाने पर 3-3 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताये जाने का भी आदेश किया गया। प्रकरण में पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक गोकुल सिंह सिसोदिया द्वारा की गई। उनके द्वारा उक्त प्रकरण में सभी महत्वपूर्ण अभियोजन साक्षियों के बयान न्यायालय में कराये जाकर नवीन न्यायदृष्टांत की ओर न्यायालय का ध्यान आकर्षित करवाकर आरोपियों को कठोर से कठोर दंड दिए जाने का निवेदन किया गया। न्यायालय द्वारा उभयपक्षों की बहस सुनने के पश्चात आरोपियों को उक्त दंड से दंडित किया गया। हालांकि फरियादी हरिसिंह ने दिनांक 16/03/2011 को इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह रेडीमेड कपड़े की सिलाई का काम करता है। आज शाम को वह गब्बर उर्फ घनश्याम के साथ बड़े कुए पास चौराहे पर खड़े हुए थे तो गब्बर ने बताया कि केबल चलाने की बात को लेकर जो विवाद चला था उसमें राजीनामा करने के लिए बुलाया है तो वह तथा गब्बर एक मोटर साईकिल से जिसे गब्बर चला रहा था, दूसरी मोटर साईकिल में राधेश्याम एवं जितेन्द्र कुमावत थे। रात करीब 11 बजे धर्मेन्द्र के घर के सामने रोड पर पहुंचे जैसे ही धर्मेन्द्र ने उसे नुकीले गण्डासे से मारा जो उसके बायें हाथ के कंधे एवं उंगली पर लगा फिर भरत राठौर, बिट्टू, धर्मेन्द्र ने गब्बर को पकड़ लिया तो बबली ने चौड़े पट्टे की तलवार गब्बर के सिर के पीछे से मारी फिर राधेश्याम, जितेन्द्र बीच-बचाव करने आये तो इन लोगों ने उनके साथ भी मारपीट करने लगे जिससे जितेन्द्र नीचे गिर गया और उसे हाथ, पैर में चोटें आयीं। तभी वहां से अभियुक्तगण भाग गये उसके बाद गब्बर को राधेश्याम साहू की वैन में डालकर जिला अस्पताल ले गये उसके बाद वहां बाफना अस्पताल ले गये जहां गब्बर को पट्टी बांधी जहां पर डॉक्टरों ने देखा एवं एमव्हाय ले जाने की सलाह दी एमब्हाय अस्पताल लेकर गये जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उक्त फरियादी के कथन के आधार पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। जिसमें न्यायालय द्वारा आरोपियों को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।