भोपाल (ई न्यूज़ एमपी ) शहर में न्यायालय के आदेश पर भी अमल करने में नगर निगम व पुलिस प्रशासन को डेढ़ सालों का समय लग जाता है। मामला शहर के कोहेफिजा बीडीए कॉलोनी में अवैध निर्माण व अतिक्रमण के दायरे में आने वाले निर्माणों को तोड़ने का है। वर्ष 2017 में अतिक्रमण हटाने के लिए इरशाद अली खान ने उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की थी। इस पर मार्च 2019 में न्यायालय ने 24 घंटे में अतिक्रमण को तोड़ने का आदेश दिया। मामले पर नगर निगम ने बीते डेढ़ सालों में तीन बार पुलिस प्रशासन से बल मांगा, लेकिन कार्रवाई बल उपलब्ध ही नहीं कराया गया। आश्चर्य की बात तो यह है कि इस दौरान अन्य अतिक्रमणों पर कार्रवाई के लिए जब भी निगम द्वारा पुलिस बल मांगा गया तब-तब पुलिस बल उपलब्ध कराया गया। बीते डेढ़ साल में ऐसी 50 से अधिक कार्रवाई भी हुई। कोहेफिजा के इस मामले में अब सवाल भी खड़े होने लगे हैं। याचिकाकर्ता इरशाद अली खान ने आरोप लगाया है कि कार्रवाई नहीं करने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा नगर निगम को बल उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। उन्होंने व्यक्तिगत भी नगर निगम व पुलिस को एक दर्जन से अधिक पत्र भी लिखे। लिहाजा अधिकारियों ने सिर्फ कार्रवाई का आश्वासन ही दिया। आप को बता दे नगर निगम की भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा बीती 9 अक्टूबर को पुलिस प्रशासन को एक ओर पत्र लिखा था। इसमें बताया गया कि कोहेफिजा स्थित अतिक्रमण हटाने के दौरान बलवा व लाइन ऑर्डर की स्थिति बिगड़ सकती है। लिहाजा कार्रवाई समाप्त होने तक 40 पुरुष व पांच महिला पुलिसकर्मी का बल उपलब्ध कराए।