इंदौर (ईन्यूज एमपी)- आठ महीने बाद गुरुवार को उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में एक बार फिर आमने-सामने सुनवाई होगी। कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए दोनों पक्षों के वकील न्यायालय कक्ष क्रमांक 8 में न्यायाधीशों के समक्ष अपने तर्क रखेंगे। बुधवार को प्रिंसिपल रजिस्ट्रार अनिल वर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए थे। इसमें सिर्फ उन्हीं मामलों में सुनवाई होगी, जिनमें अंतिम बहस होनी है। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते मार्च के अंत से ही उच्च न्यायालय में नियमित सुनवाई बंद है। वकील वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपनी बात न्यायालय के समक्ष रख रहे हैं। इसमें कई बार तकनीकी समस्या होने से सुनवाई टल भी जाती है। जिन मामलों में अंतिम तर्क रखे जाते हैं, उनमें खासी परेशानी आती है। बुधवार को प्रिंसिपल रजिस्ट्रार ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है। इसके अनुसार गुरुवार को न्यायालय के कक्ष क्रमांक 8 में आमने-सामने की सुनवाई होगी। इसमें सिर्फ वे केस ही सुने जाएंगे, जिनमें अंतिम बहस होनी है। आदेश में कहा है कि पैरवी के लिए आने वाले वकीलों को कोविड के लिए बनाई गई गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा। न्यायालय परिसर में शिविर लगाने की मांग हाल ही में उच्च न्यायालय के 63 न्यायिक कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद से वकील आशंकित हैं। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अमरसिंह राठौर ने कलेक्टर और सीएमएचओ को पत्र लिखकर उच्च न्यायालय और जिला न्यायालय परिसर में वकीलों और पक्षकारों के लिए रैपिड एंटीजन परीक्षण शिविर लगाने की मांग की है।