भोपाल(ईन्यूज एमपी)- प्रदेश में अब नर्सिंग कालेज के नाम पर दुकानें नहीं चलेंगी। ऐसा नहीं होगा कि एक अस्पताल कई संस्थाओं का पैरेंटल अस्पताल हो। एक अस्पताल से किसी अन्य नर्सिंग संस्था की संबद्धता नहीं होगी। इसे लेकर नर्सिंग संस्था के संचालक को अस्पताल संचालक से शपथ पत्र लेकर मान्यता के लिए आवेदन के समय देना होगा। नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम में संशोधन करके यह प्रविधान किए गए हैं। इसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में उपचुनाव के बाद गुरुवार देर शाम हुई पहली कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई। इसके साथ ही सीहोर की सीप अंबर सिंचाई काम्प्लेक्स परियोजना को भी स्वीकृति दी गई। इसमें यह भी साफ किया गया कि पुरानी परियोजना में शामिल गांव इसमें रहेंगे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई कैबिनेट बैठक में नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम 2018 और 19 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बैठक के निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि जुलाई से प्रारंभ होने वाले शैक्षणिक सत्र 2020-21 के यह प्रविधान होगा कि अकादमी भवन आवेदक संस्था का स्वयं का होना चाहिए। अस्पताल से संबद्धता की दशा में पांच साल में स्वयं के भवन की व्यवस्था करने पर किराये का भवन मान्य किया जा सकेगा। अकादमी भवन की भूमि की रजिस्ट्री समिति, ट्रस्ट या कंपनी के नाम होनी चाहिए। नई संस्था प्रारंभ करने के लिए पहले से संचालित संस्था में नए पाठ्यक्रम के संचालन के लिए स्वयं का सौ बिस्तर का अस्पताल या पांच साल के लिए निजी अस्पताल से संबद्धता होना जरूरी है। कोई भी निजी अस्पताल इसके लिए एक से अधिक नर्सिंग संस्था को संबद्धता नहीं दे पाएगा। अनुसूचित क्षेत्रों में इस प्रविधान से छूट रहेगी। एमएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम का एक बैच उत्तीर्ण होना आवश्यक है। बैठक में ग्वालियर इंदौर और रीवा के सरकारी मुद्रणालय को बंद करने की अनुमति भी दी गई। चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि किसी भी कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा। 495 पद समर्पित किए जाएंगे। वन भूमि आने और व्यवस्थापन को ध्यान में रखते हुए सीहोर की सनकोटा और मोगराखेड़ा सिंचाई परियोजना को निरस्त करके सीप अंबर सिंचाई काम्प्लेक्स परियोजना को स्वीकृति दी गई। इसकी सिंचाई क्षमता आठ हजार हेक्टेयर होगी। इसमें पुरानी परियोजना में शामिल सभी गांव रहेंगे। वहीं, राष्ट्रीय उद्यानों, अभयारण्यों और चिड़ियाघरों में प्रवेश शुल्क से प्राप्त राशि से विकास निधि की व्यवस्था को यथावत रखे जाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई। आराम से न बैठें मंत्री, पेश करना होगा रिपोर्ट कार्ड मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि जनता ने हम पर भरोसा जताया है। हमारे प्रत्याशी प्रचंड बहुमत से जीते हैं। अब हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का रोडमैप तैयार है। अब मंत्री आराम से न बैठें। हमें एक दिन भी व्यर्थ नहीं गंवाना है। हर विभाग अपना रोडमैप बना लें। केंद्र की प्रत्येक योजना में हमें नंबर वन रहना है। हर विभाग की अब रेटिंग तय होगी। प्रत्येक माह मंत्री को अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करना होगा। विभागवार समीक्षा करें। सोमवार को मंत्री विभागीय समीक्षा करके पकड़ मजबूत करें। सीएम डैशबोर्ड बन रहा है। इसमें विभाग की प्रगति नजर आएगी। सुशासन पर ध्यान देना है। सुशासन के लिए गरीब को योजनाओं का समय पर लाभ मिलना चाहिए। प्रेम के जाल में फंसाकर धर्मांतरण बर्दाश्त नहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रेम के जाल में फंसाकर धर्मांतरण बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ढोंगी और पाखंडियों के खिलाफ भी प्रदेश में कार्रवाई की जा रही है और यह जारी रहेगी। कानून-व्यवस्था पुख्ता होनी चाहिए। असामाजिक तत्व, गुंडे, बदमाश और माफिया को नेस्तनाबूत करना हमारा संकल्प है। इसके लिए नया कानून भी बना रहे हैं। उन्होंने नक्सल विरेधी अभियान को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए गृह विभाग को बधाई भी दी। कैबिनेट के अन्य निर्णय - पशुपालन विभाग का नाम अब पशुपालन एवं डेयरी विभाग होगा। - हॉक फोर्स में सहायक सेनानी के पांच पद समर्पित करके तीन उप सेनानी के पद बनाने की स्वीकृति। - मेडिकल कालेज, जबलपुर स्थित स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए 153 करोड़ रुपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति। - मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी को केनरा बैंक से 800 करोड़ रुपये का ऋण सरकार की गारंटी पर लेने की मंजूरी। - स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यार्थियों को गणवेश देने के लिए महिला स्व-सहायता समूहों से बनवाई जाएगी। समूहों को तीन माह में गणवेश्ा उपलब्ध कराना होगा। - राज्य कैंपा प्राधिकरण की स्थापना के लिए पदों को मंजूरी दी गई।