शहडोल (ईन्यूज एमपी)-मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर जोन की सीमा से लगे शहडोल जिले के ब्योहारी रेंज के जमुनिहा गांव में रविवार को एक बाघ का शव मिला। पूरी तरह सड़ कर कंकाल में बदल चुका शव कई दिन पुराना है और रेत में दबा मिला है। गश्ती दल ने इसे बरामद किया है। अनुमान है कि बाघ का शिकार करने के बाद शिकारियों ने शव को जमीन में दफना दिया होगा। ऊपर की मिट्टी हटने पर दिखाई दे गया बाघ का शव शव अधिक गहराई में दफन नहीं हुआ था, इसी वजह से ऊपर की मिट्टी हटने पर दिखाई दे गया। शव इतना सड़ गया था कि उसकी खाल पूरी तरह खत्म हो गई है व हड्डियां भी गलने लगी थीं। आशंका जताई जा रही है कि शिकारियों ने बाघ को करंट लगाकर मारा होगा और किन्हीं कारणों से वे उसके अंग नहीं निकाल पाए होंगे। बनाया जा रहा सीमा का बहाना बताया जाता है कि रिजर्व फॉरेस्ट 177 का वह हिस्सा जहां बाघ का शव पाया गया है, शहडोल जिले की सीमा का है। वन विभाग की सीमा के तहत यह क्षेत्र बांधगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर जोन का हिस्सा है। हालांकि बांधवगढ़ प्रबंधन यह मानने को फिलहाल तैयार नहीं कि बाघ उनके टाइगर रिजर्व का है। बाघ के शव का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया गया वहीं बांधवगढ़ के फील्ड डायरेक्टर विंसेंट रहीम का इस बारे में कहना है कि फिलहाल बाघ के शव का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया गया है। सीमा के मामले में संबंधित अधिकारियों से चर्चा की जाएगी। इधर, वन विभाग में चर्चा है कि मरने वाला बाघ निश्चित तौर से बांधवगढ़ का था क्योंकि यह शव बांधवगढ़ के बफर जोन से लगे हुए शहडोल जिले के हिस्से में पाया गया है। बांधवगढ़ के बाघ ही इस क्षेत्र में विचरते रहते हैं।