भोपाल (ईन्यूज एमपी)- विधानसभा उपचुनाव संपन्न् हो गए, अब महंगी बिजली खरीदने के लिए तैयार हो जाइए। प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियां बिजली की बिक्री दर बढ़ाने का प्रस्ताव नए सिरे से तैयार कर रही हैं। बताया जा रहा है कि बिजली के दाम सात फीसद तक बढ़ सकते हैं। उपचुनाव और कोरोना काल के चलते सरकार पिछले आठ माह से बिजली की दर बढ़ाने के प्रस्ताव को रोके थी।दो हजार करोड़ से अधिक के घाटे में चल रहीं तीनों कंपनियों ने फरवरी-20 में 5.25 फीसद दाम बढ़ाने का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को सौंपा था, जो अब तक लंबित है। कंपनियां 30 नवंबर तक नया प्रस्ताव दे सकती हैं। राज्य सरकार आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। कोरोना की वजह से प्रदेश के राजस्व में वैसे ही गिरावट आई है, उस पर उपचुनाव के खर्च ने आर्थिक हालात और खराब कर दिए हैं। ऐसे में सरकार अधिक राजस्व बटोरने के रास्ते तलाश रही है। निकट भविष्य में नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव तो होने हैं, पर सरकार बिजली की दर बढ़ाने में अब और देरी करने की स्थिति में नहीं है। इसलिए बिजली कंपनियों का दबाव काम आ सकता है। ऐसा हुआ, तो प्रदेश में बिजली सात फीसद तक महंगी हो जाएगी। सूत्र बताते हैं कि विद्युत नियामक आयोग पुराने प्रस्ताव को किनारे कर नए प्रस्ताव पर दिसंबर 2020 में फैसला ले सकता है और एक जनवरी 2021 से नई दरें भी लागू की जा सकती हैं। इस संबंध में ऊर्जामंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से बात करने की कोशिश की गई, पर वे उपलब्ध नहीं हो पाए। नए सिरे से प्रस्ताव तैयार कर रहीं कंपनियां सूत्र बताते हैं कि तीनों बिजली कंपनियां नए सिरे से प्रस्ताव तैयार कर रही हैं। कंपनियां फरवरी 2020 में 5.25 फीसद दरें बढ़ाने का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को सौंप चुकी हैं,जो अब तक लंबित है। पिछले आठ माह में कंपनियों का घाटा और बढ़ गया है। जिसकी भरपाई 5.25 फीसद दर बढ़ाकर नहीं की जा सकती है। इसलिए नए सिरे से प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं।अलग-अलग श्रेणी में चार से 12 फीसद दर बढ़ाने की रणनीति है। समग्र रूप से देखें, तो करीब सात फीसद वृद्धि होगी। ज्ञात हो कि चालू वित्तीय वर्ष में कंपनियों ने 39,332 करोड़ की आय और 41,332 करोड़ रुपये व्यय का आकलन किया था। उपचुनाव की वजह से रोका था प्रस्ताव सूत्र बताते हैं कि फरवरी 2020 में बिजली कंपनियों ने दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन कमल नाथ सरकार निर्णय ले पाती उससे पहले प्रदेश में राजनीतिक हालात बिगड़ गए और सरकार चली गई। शिवराज सरकार आई,तो कोरोना और उपचुनाव के कारण प्रस्ताव को लंबित रखा। प्रदेश में बिजली की मौजूदा दरें - 00-50 यूनिट तक 3.85 रुपए प्रति यूनिट - 51-150 यूनिट तक 4.95 रुपए प्रति यूनिट - 151-300 यूनिट तक 6.30 रुपए प्रति यूनिट - 300 यूनिट से ऊपर 6.50 रुपए प्रति यूनिट