रीवा ( ईन्यूज एमपी) जंगली सुअर की मांस पकाकर खाने के आरोप में बंदी आरोपी की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है । जानकारी के मुताबिक पी0ओ0आर0क्र0 449/05, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 39, 50, 51 के अंतर्गत सुअर के मांस को खाने वाले आरोपी पारसनाथ यादव पिता लक्ष्मण यादव, उम्र 40 वर्ष, निवासी-जुड़ीया वाला, हरदुआ टोला, जिला रीवा को न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला रीवा द्वारा जमानत आवेदन निरस्त कर जेल भेज दिया गया है। मीडिया प्रभारी मो0 अफजल खान, एडीपीओ रीवा द्वारा बताया गया कि दिनांक 5.09.2020 को आरोपी पारसनाथ यादव ने अपने खेत में बाइडिंग की तार बिछाकर उसमें विद्युत प्रवाह कर दिया था, जिसमें फसकर एक वन्य प्राणी जंगली सुअर की मृत्यु हो गई थी। जब आरोपी अगली सुबह खेत पहुंचा तो उसने मृत सुअर को देखा, जिसे आरोपी ने अपने खेत में ले जाकर हंसिया से बोटी-बोटी काटकर एक बोरे में भरकर अपने घर ले गया और मृत सुअर के मांस को पकाकर खा गया। जब वन अधिकारी को सूचना मिली तो आरोपी के खेत गये जहां पर मौके में ही बाइडिंग तार पाया गया और सुअर का खुन तथा मांस के अवशेष भी मिले, जिसे वन अधिकारियों द्वारा विधिवत जब्त कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। विवेचना उपरांत आरोपी को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। आरोपी के अधिवक्ता ने न्यायालय में जमानत का आवेदन प्रस्तुत कर यह तर्क दिया कि आरोपी निर्दोष है, उसे झूठा फसाया गया है। अतः उसे जमानत का लाभ दिया जाए। शासन की ओर से जिला समन्वयक (वन एवं वन्यजीव) श्री अशोक प्रियदर्शी, एडीपीओ रीवा द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि आरोपी ने एक बेजुबान वन्य प्राणी को मारकर उसे बोटी-बोटी काटकर उसके मांस को खा गया जो कि एक घृणित एवं गंभीर प्रकृति का अपराध है। अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय ने जमानत आवेदन निरस्त करते हुए आरोपी को जेल भेजने का आदेश दिया।