भोपाल (ईन्यूज एमपी)- प्रदेश के 9वीं से 12वीं तक के निजी और सरकारी स्कूल 21 सितंबर से खुलने जा रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर स्कूलों में केंद्र की गाइडलाइन का पालन करने के लिए आदेश दिया है। स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि केंद्र द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन किया जाए। इस संबंध में मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग का मानना है कि पहले विभाग को स्कूलों की तैयारियों की जानकारी लेनी चाहिए। इसके लिए अधिकारी नियुक्त कर स्कूलों में निरीक्षण करना चाहिए, इसके बाद बच्चों को स्कूल बुलाना चाहिए। बाल आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर यह अनुशंसा की है कि पहले स्कूलों से तैयारियों को लेकर प्रमाणपत्र जमा करवाएं। इसके बाद स्कूल खोलना चाहिए। सरकारी स्कूलों में पालन कराना संभव नहीं आयोग का मानना है कि सरकारी स्कूलों में एसओपी का पालन कराना संभव नहीं है। सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की पहले से ही कमी पाई जाती है। ऐसे में स्कूलों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी एहतियात बरतना संभव नहीं है। विभाग को पहले अधिकारियों से स्कूलों का निरीक्षण करवाना चाहिए। निजी स्कूल फीस बना रहे दबाव निजी स्कूल अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव डाल रहे हैं। निजी स्कूलों का कहना है कि अगर अभिभावक फीस जमा नहीं करेंगे तो व्यवस्था कैसे कर पाएंगे। स्कूलों ने फीस जमा नहीं होने के कारण ऑनलाइन कक्षा से बाहर कर दिया है। इस संबंध में अभिभावकों ने बाल आयोग में शिकायत भी की है।