रीवा (ईन्यूज एमपी)-विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त, रीवा के अप0क्र0 0/2015, पी0सी0 एक्ट-1988 की धारा-7,13(1)डी सहपठित धारा-13(2) के अंतर्गत 400/- रूपये की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए आरोपी रामनरेश रावत पिता सूरज प्रसाद रावत, उम्र-45 वर्ष, निवासी-ग्राम धोवखरा थाना-गोविंदगढ़ जिला-रीवा विभागीय अधिकारी (सेक्शन आॅफीसर), परीक्षा विभाग ए.पी.एस. विश्वविद्यालय रीवा को लोकायुक्त पुलिस, रीवा द्वारा रंगेहाथ पकड़ा गया था, विवेचना उपरांत उक्त प्रकरण माननीय विशेष न्यायालय, लोकायुक्त रीवा न्यायालय श्रीमान् गिरीश दीक्षित के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। सहायक मीडिया सेल प्रभारी श्री कल्याण सिंह, एडीपीओ रीवा द्वारा बताया गया कि फरियादी देवनारायण सिंह बघेल पिता रावेन्द्र बहादुर सिंह ग्राम-खड्डी तहसील-रामपुर नैकिन जिला-सीधी की पुत्री कुमारी शालिनी सिंह शासकीय कन्या महाविद्यालय, सीधी में प्राईवेट छात्रा के रूप में बी.ए. अंतिम वर्ष की परीक्षा वर्ष-2014 में उत्तीर्ण की थी, किन्तु उसकी अंकसूची विश्वविद्यालय रीवा से सीधी काॅलेज में नहीं भेजी गई थी। फरियादी देवनारायण दिनांक-07.07.2015 को विश्वविद्यालय रीवा मेें परीक्षा विभाग के सेक्शन प्रभारी रामनरेश यादव से मिला तो आरोपी ने कहा कि नामांकन करवाने एवं मार्कशीट बनाकर देने के लिए 500/- रूपये लगेगें, जबकि फरियादी द्वारा नामांकन फीस दिनांक-04.02.2014 को ड्राफ्ट के माध्यम से जमा की जा चुकी थी। फरियादी 500/- रूपये की रिश्वत नहीं देना चाहता था, तब फरियादी ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त रीवा से मिलकर आरोपी द्वारा 500/- रिश्वत माॅंगने की लिखित शिकायत की। दिनांक-10.04.2015 को दिन के 12ः45 बजे ए.पी.एस. विश्वविद्यालय रीवा के परीक्षा विभाग (अ) कक्ष में जब आरोपी ने फरियादी से 400 रू/- की रिश्वत लकड़ी के टेबिल की दाहिने दराज में रूपये रखवाये, उसी समय लोकायुक्त की ट्रैप टीम आयी और रिश्वती 400/-रू0 जप्त कर जप्ती कार्यवाही की गई। आरोपी के विरूद्ध पी.सी. एक्ट में पंजीबद्ध कर विवेचना संपूर्ण कर विवेचना उपरांत श्री गिरीक्ष दीक्षित, विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम रीवा के न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में श्री खुशीलाल वर्मा, जिला अभियोजन अधिकारी रीवा द्वारा शासन की ओर से अपने तर्क न्यायालय के सामने रखे गया।