अनूपपुर(ईन्यूज एमपी)- न्यायालय न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी श्री के.पी.सिंह के न्यायालय से आरोपी अमर सिंह पिता हीरा सिंह उम्र 39 निवासी धुम्मा, प्रकाश सिंह पिता सुखलाल उम्र 20 निवासी धुम्मा, शिवरतन सिंह पिता गेंदलाल उम्र 19 निवासी धुम्मा भाना भालूमाडा की जमानत याचिका निरस्त की गई। मीडिया प्रभारी राकेश पाण्डेय ने अभियोजन अधिकारी कोतमा राजगौरव तिवारी के हवाले से बताया की मामला वनपरिक्षेत्र कोतमा के पीओआर क्र. 4748/08 दिनांक 08.09.2020 से संबंधित है जिसमें आरोपीगणों द्वारा वन्य प्राणी जंगली सुअर जो कि अनुसूची 03 का प्राणी है को पीट-पीट कर मार डाला था और उसके मॉस को आपस में बाट लिया था वन्य विभाग को सूचना मिलने पर वन विभाग द्वारा आरोपीगणों के कब्जें से जंगली सुअर का कच्चा मांस, बाल, जबडा तथा चार पैर तथा मारने में प्रयुक्त फर्शा, टागी, लकडी का बेत और गडासा आदि की जब्ती कर गिरफ्तार कर उक्त आरोपीगणों को माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया था। आरोपीगणों ने यह लिया था आधार - आरोपी द्वारा जमानत आवेदन में यह आधार लिया गया था कि आरोपी को झूठा फसाया गया है आरोपी अपने घर का एक मात्र कर्ता धर्ता है फरार होने की संभावना नही है जमानत की शर्तो का पालन करने के लिए तैयार है। 02 आरोपीगण नवयुवक है जेल जाने पर उनका भविष्य प्रभावित होगा इसलिए जमानत का लाभ दिया जाए। अभियोजन ने इस आधार पर किया था विरोध - उक्त आवेदन पत्र अभियोजन अधिकारी श्री राजगौरव तिवारी द्वारा जमानत आवेदन का इस आधार पर विरोध किया गया कि आरोपीगण द्वारा प्रकृति के पारिस्थितिकी तंत्र (इको सिस्टम) को बनाये रखने वाले वन्य प्राणियों को मारकर गंभीर अपराध किया है वर्तमान में वन्य प्राणियों पर अपराध बहुत अधिक बढ गया है जिससे पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रहा है। जमानत दिए जाने पर समाज में बुरा संदेश जाएगा आरोपी को जमानत का लाभ दिए जाने पर व साक्ष्य प्रभावित कर सकता है व फरार हो सकता है। उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुए आरोपी की जमानत याचिका अंतर्गत धारा 437 द.प्र.स. निरस्त कर दिया। (राकेश कुमार पाण्डेय) अभियोजन