इंदौर (ईन्यूज एमपी)- आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडबल्यू) ने भारतीय स्टेट बैंक की सियागंज शाखा(इंदौर) की प्रबंधक रहीं श्वेता दारूवाला और कर्मचारी कौस्तुभ सिंगारे के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी की धाराओं में केस दर्ज किया है। आरोपितों ने 49 खातों से तीन करोड़ रुपये निकाल लिए। वे नकदी जमा कराने आने वाले खाताधारकों से रकम लेकर उनके खातों में जमा न करते हुए दूसरे खातों में ट्रांसफर करते और बाद में वहां से रकम निकाल लेते। आरोपितों ने अधूरे दस्तावेजों पर पर्सनल लोन, वाहन और होम लोन भी जारी कर दिए गए। कई मामलों में तो आवेदक को ही नहीं पता था कि उनके नाम से ऋण भी है। ईओडब्ल्यू के मुताबिक खाताधारकों ने शिकायत की थी कि बैंक मैनेजर श्वेता और कौस्तुभ खातों से राशि हड़प रहे हैं। इस बात को लेकर विवाद भी होते थे। खातों की जांच में पता चला कि एंट्री ही सही से नहीं की जाती है। मंगलवार को जांच पूरी होने के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, अमानत में खयानत सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया। जिनके ऋण चल रहे हैं उन्हीं के दस्तावेज इस्तेमाल किए ईओडब्ल्यू के मुताबिक ग्राहकों की शिकायत के बाद 16 अप्रैल 2018 से 5 जुलाई 2019 तक बैंक में हुए लेनदेन की जांच की गई। पता चला कि ग्राहकों द्वारा जो छोटी-बड़ी राशि जमा की गई वो राशि शाखा के विभिन्न खातों में एनईएफटी ट्रांसफर, मिनिमम बैलेंस चार्ज रिवर्सल, पीपीएफ खाते में जमा किया गया। इसके बाद इन खातों से ऐसे खाते जिनमें कोई लेनदेन नहीं होता था उनके जरिए इस रकम को निकाल लिया गया। इतना ही नहीं, जिन लोगों ने ऋण ले रखा था उनके ही दस्तावेज का इस्तेमाल कर और ऋण स्वीकृत कर रुपये निकाल लिए गए। ईओडब्ल्यू के मुताबिक करीब तीन करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की बात सामने आ रही है।