भोपाल (ईन्यूज एमपी)- शिवराज सरकार ने कोरोना के कहर को देखते हुए बिजली के घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देने की पहल की है। ऊर्जा विभाग की ओर से गुरुवार को एक किलोवाट तक के घरेलू उपभोक्ताओं से 31 अगस्त तक की बकाया राशि वसूल नहीं किए जाने का आदेश जारी हो गया। इस आदेश से सरकार ने कांग्रेस के दांव को विफल करने की कोशिश भी की है, क्योंकि कांग्रेस बिजली बिल पर भाजपा सरकार को लगातार घेर रही है। लिहाजा, विधानसभा उपचुनाव में वोटरों की नाराजगी के खतरे को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। गौरतलब है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत गरीबों को 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली प्रदान की जा रही थी। कोरोना वायरस की महामारी से प्रदेश के निम्न आय वर्ग वाले विद्युत उपभोक्ताओं को बिल भुगतान करने में आ रही कठिनाई के चलते यह कदम उठाया गया है। ऊर्जा विभाग के सचिव आकाश त्रिपाठी द्वारा जारी आदेश में एक किलोवाट के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को सितंबर और अक्टूबर में मात्र उनकी वर्तमान मासिक खपत के आधार पर बिल जारी करने और पिछले बकाया व सरचार्ज को न जोड़ने की हिदायत दी गई है। इसे साफ किया गया है कि सितंबर की बिल में पिछला बकाया या एरियर्स की राशि शामिल नहीं की जाएगी। अगर अक्टूबर में किसी उपभोक्ता ने सितंबर का बकाया भुगतान नहीं किया है तो उसे बिल में जोड़ा जाएगा। बकाया के बारे में अलग आदेश आएगा शासन से यह भी स्पष्ट किया है कि 31 अगस्त तक की बकाया बिल के संबंध में भविष्य में अलग से आदेश जारी किया जाएगा। विद्युत वितरण कंपनियों के सभी प्रबंध संचालकों को आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। कांग्रेस ने दी थी चेतावनी प्रदेश कांग्रेस केकार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बिजली बिल पर सरकार को घेरते हुए आंदोलन की चेतावनी दी थी। कांग्रेस शासन में शुरू की गई इंदिरा गृह ज्योति योजना छोटे उपभोक्ताओं में लोकप्रिय हुई थी। इस योजना से सर्वाधिक लाभ उठाने वाले पात्र ग्वालियर-चंबल संभाग के हैं। विधानसभा की 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में 16 सीटें इसी संभाग की हैं। इस तरह भाजपा ने कांग्रेसी दांव को विफल करने के लिए बिल न वसूलने का यह नुस्खा आजमाया है। सरकार ने बड़े हुए बिलों के लिए पांच दिन में शिविर लगाकर समाधान करने का भी आदेश दिया है।