भोपाल (ईन्यूज एमपी)- बहुचर्चित व्यापमं फर्जीवाड़े में संदिग्ध भूमिका वाले बिल्डर राघवेंद्र सिंह तोमर व चूड़ी व्यापारी पीयूष गुप्ता तथा उनसे जुड़े करीब डेढ़ दर्जन लोगों के यहां गुरुवार को आयकर विभाग ने छापे मारे। इसके लिए विभाग ने 250 लोगों की टीम को कोविड हेल्थ वर्कर बनाकर कार्रवाई की। दोनों व्यवसायी और उनके सहयोगियों के यहां करीब 100 से ज्यादा संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं तथा एक करोड़ रुपये नकद राशि भी मिली है। तोमर के जीजा आइपीएस अफसर हैं और पिता भी पुलिस से सेवानिवृत्त हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग के करीब 140 अधिकारियों और कर्मचारियों ने लगभग 110 पुलिसकर्मियों को साथ लेकर गुरुवार को सुबह फैथ बिल्डर के राघवेंद्र सिंह तोमर और चूड़ी व्यापारी व एए एंड एए एंड कंपनी के मालिक पीयूष गुप्ता के यहां कार्रवाई शुरू की। इनसे जुड़े महेंद्र गोधा, नसीमुद्दीन फारुकी, विपिन जैन, पूनम गुप्ता, समरीन खान सहित कुछ अन्य लोगों के यहां भी आयकर छापे मारे गए। आयकर की टीमों ने भोपाल के अलावा सीहोर में भी इनके ठिकानों पर कार्रवाई की। पांच बैंक के लॉकर भी मिले सूत्र के मुताबिक आयकर की टीमों को राघवेंद्र सिंह और पीयूष गुप्ता के यहां से पांच बैंक लॉकर का रिकॉर्ड भी मिला है, जिन्हें अभी खोला नहीं गया है। इनके यहां अलग-अलग जगह से करीब एक करोड़ रुपये की नकदी भी मिली है, जिसके रिकॉर्ड की जांच की जा रही है कि वह सही है या गलत ढंग से कमाई गई राशि है। सबसे बड़ी संपत्ति क्रिकेट ग्राउंड सूत्रों ने बताया कि राघवेंद्र सिंह तोमर के रातीबड़ क्षेत्र में दो क्रिकेट ग्राउंड हैं, जिनमें कई नामी क्रिकेटर भी मेहमान के रूप में आ चुके हैं। राघवेंद्र और पीयूष गुप्ता की अन्य संपत्ति में हाउसिंग प्रोजेक्ट, कई अपार्टमेंट, सैकड़ों एकड़ जमीनें, होटलों के दस्तावेज भी आयकर टीमों को मिले हैं, जिनकी वैधता के बारे में जांच की जा रही है। आयकर की टीम द्वारा इन लोगों के 2013 के बाद से अर्जित संपत्ति के दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है। विभाग के अधिकारी इस बारे में कोई अधिकृत बयान नहीं दे रहे हैं। उनका कहना है कि फिलहाल प्रारंभिक कार्रवाई है। छानबीन के बाद ही ब्योरा दिया जाएगा। तोमर के कई भाजपा नेताओं से संबंध कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा है कि राघवेंद्र सिंह तोमर को व्यापमं घोटाले में एसटीएफ ने गवाह बना लिया था, जबकि उनकी भूमिका संदिग्ध थी। तोमर के कई भाजपा नेताओं से निकट संबंध हैं।