जबलपुर (ईन्यूज एमपी)- भाजपा के हरसूद विधायक एवं मौजूदा सरकार के वन मंत्री कुँवर विजय शाह के खिलाफ दायर चुनाव याचिका उच्च न्यायालय जबलपुर में प्राथमिक सुनवाई में ही खारिज हो गई है। विधान सभा चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी प्रत्याशी राधेश्याम दरसीमा ने दायर याचिका में आरोप लगाया था कि श्री शाह ने मतदाताओं को धार्मिक प्रलोभन देकर अपने पक्ष में मतदान कराया था। चुनाव याचिका क्रमांक 14/19 में श्री दरसीमा ने आरोप लगाया था कि कुँवर विजय शाह ने 26 अक्टूबर 2018 से 1 नवम्बर 2018 तक एक भागवत कथा का आयोजन किया, अतः उन्होंने धार्मिक आधार पर चुनाव को प्रभावित किया था। श्री शाह की ओर से उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता मृगेंद्र सिंह, हितेन्द्र सिंह, नवतेज रूपराह के द्वारा उक्त याचिका को प्रारम्भिक आपत्ति प्रस्तुत की और सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 नियम 11 का आवेदन प्रस्तुत कर उक्त याचिका को प्रारम्भिक स्तर पर ही निरस्त करने का आग्रह किया। वरिष्ठ अधिवक्ता मृगेंद्र सिंह की दलील थी कि कुँवर विजय शाह द्वारा विधान सभा का चुनाव नाम निर्देशन पत्र 1 नवम्बर 2018 के पश्चात दिनांक 5 नवम्बर 2018 को प्रस्तुत किया गया था। 1 नवम्बर को श्री शाह भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी भी नहीं थे। जब उन्होंने नाम निर्देशन पत्र ही नहीं दाखिल किया था, तो चुनाव को किसी भी प्रकार से प्रभावित करने का प्रश्न ही नहीं उठता। उच्च न्यायालय जबलपुर की एकल पीठ के माननीय न्यायाधिपति श्री बी.के.श्रीवास्तव ने दोनों पक्षों की विस्तृत बहस की सुनवाई उपरांत दिनांक 22 जुलाई 2020 को विस्तृत निर्णय देते हुये राधेश्याम दरसीमा के द्वारा प्रस्तुत चुनाव याचिका को सारहीन पाते हुये प्रारम्भिक स्तर पर ही निरस्त कर दिया। विजय सिंह (स्वतंत्र पत्रकार) सीधी