खंडवा(ईन्यूज एमपी)-नगर निगम में कब, क्या और कैसे हो जाए, ये कहा नहीं जा सकता। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक कर्मचारी को उसकी सेवा समाप्ति के पांच महीने पहले ही सेवानिवृत्त कर दिया गया। इस कर्मचारी का पेंशन प्रकरण जब राजधानी पहुंचा तब खुलासा हुआ। अब रिकवरी की तैयारी की जा रही है। नगर निगम के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी दिनेश पिता फूलचंद वर्मा को 28 फरवरी को सेवानिवृत्त किया गया। 29 फरवरी को बकायदा निगम के सभागार में समारोहपूर्वक विदाई दी गई। मई में पेंशन प्रकरण संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास मप्र भोपाल को भेजा गया। संचालनालय स्तर पर जब छानबीन हुई तो लापरवाही और गड़बड़झाला सामने आ गया। निगम की स्थापना शाखा के तत्कालीन कर्मचारियों की लापरवाही सामने आ गई है। जन्म तारीख से भी लगा पाए हिसाब संचालनालय ने पूछा है- दिनेश वर्मा की सेवापुस्तिका में जन्म दिनांक 2 जुलाई 1958 अंकित है। इस हिसाब से वर्मा को शासन नियमानुसार, 31 जुलाई 2020 को सेवानिवृत्त किया जाना था। लेकिन, आपके द्वारा इन्हें 28 फरवरी 2020 अर्थात 5 माह पूर्व ही सेवानिवृत्त किया गया। क्यों? अब निगम के जिम्मेदार इसका जवाब खोजने में लगे हैं। प्रकरण के निराकरण तक अटकेगी पेंशन मामले में संचालनालय ने कहा है कि वर्मा की सेवापुस्तिका में स्थानीय निधि संपरीक्षा इंदौर द्वारा 7वें वेतन का निर्धारण कर 1 जुलाई 2011 से अधिक भुगतान की वसूली के निर्देश दिए गए हैं। इसलिए त्रुटिपूर्ण सेवानिवृत्ति व अधिक भुगतान की वसूली के संबंध में जानकारी संचालनालय को भेजनी होगी, जिसके बाद प्रकरण का निराकरण हो सकेगा। 5 महीने का वेतन नहीं मिला, वेतनवृद्धि भी नहीं निगम के जिस चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को समय से पहले सेवानिवृत्त कर दिया, उसे 5 महीने के वेतन का नुकसान उठाना पड़ा तो वहीं जुलाई में प्रस्तावित एक वेतनवृद्धि का भी नुकसान हुआ है। इस हिसाब से पेंशन का निर्धारण भी कम होने से ये नुकसान भी संभावित है। हालांकि, अब निगम में हड़कंप की स्थिति है और मसले की पड़ताल शुरू हुई है।