मुंबई (ईन्यूज एमपी)- भारत चीन के बीच सीमा पर तनाव का असर देश में साफ नजर आ रहा है और अब आम लोगों के साथ ही राज्यों की सरकारें भी चीन के प्रति गंभीर हो गई है। यही कारण है कि BSNL और रेलवे द्वारा चीनी उपकरणों के उपयोग पर रोक के बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने भी बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में चीनी कंपनियों के 5000 करोड़ रुपए के निवेश पर रोक लगा दी है। महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह फैसला केंद्र सरकार से बातचीत के बाद लिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीनी कंपनियों के साथ कोई एग्रीमेंट ना किया जाए। जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने महाराष्ट्र इन्वेस्टर समिट के दौरान चीनी कंपनियों के साथ 5000 करोड़ रुपए के निवेश का फैसला किया था। ताजा हालातों के बीच अब केंद्र और राज्य सरकारों ने चीन के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। इससे पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लोगों से चीनी उत्पादों के बहिष्कार की अपील कर चुके हैं वहीं अब महाराष्ट्र सरकार ने यह कदम उठाया है। राज्य के उद्योग मंत्री के अनुसार यह कदम विदेश मंत्रालय से बात के बाद उठाया है। जिन प्रोजेक्ट्स पर रोक लगी है उनमें ग्रेट वाल मोटर्स के 3770 करोड़ का निवेश भी शामिल है। इसके अलावा दो और यूनिट्स हैं जो तेलगांव व अन्य जगहों पर लगने वाली थी। इन यूनिट्स के निवेश को राज्य सकार ने होल्ड पर डाल दिया है। चीन से विवाद के बीच इस कदम को बड़ा फैसला माना जा रहा है। बता दें कि इससे पहले बीएसएनएल और रेलवे चीन को झटका दे चुके हैं। गलवान में हुई घटना के बाद रेलवे ने चीनी कंपनी का 417 करोड़ रुपए का ठेका रद्द कर दिया था। वहीं BSNL ने भी इस दिशा में कदम उठाते हुए अपना टेंडर रद्द किया था।