दिल्ली (ईन्यूज एमपी)-कोरोना वायरस फैलने से रोकने के लिए देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन किया है। सरकार के इस कड़े फैसले का सीधा असर आम जनता पर पड़ा है। लोगों को फाइनेंशियल क्राइसिस का सामना भी करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने सरकारी एवं निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को राहत देते हुए उनके पीएफ खाते में जमा राशि में से 75 फीसदी या फिर तीन महीने की सैलरी दोनों में से जो भी कम हो उसे निकालने की अनुमति दे दी थी। इसके साथ ही EPFO को क्लेम प्रकरणों का जल्द से जल्द निराकरण करने के लिए कहा गया था। सरकार की ओर से यह राहत दिए जाने के 10 दिनों के भीतर ही 1.3 लाख लोगों ने इसका फायदा उठा लिया है। कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच Employees Provident Fund Organisation यानि EPFO से बीते 10 दिनों में खाताधारकों ने 280 करोड़ रुपए निकाल लिए हैं। यह राशि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना PMGKY के तहत दी गई स्पेशल विथड्राल विंडों के बाद निकाली गई है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को PMGKY पैकेज की घोषणा की थी और कहा था कि EPFO में खाताधारक 4 करोड़ कर्मचारी अपने खाते से नॉन रिफंडेबल एडवांस विथड्राल कर सकते हैं। वित्त मंत्री की घोषणा के बाद 28 मार्च को EPFO ने भी इसे नोटिफाई किया था। सरकार द्वारा राहत दी जाने के बाद EPFO ने अंदाजा लगाया था कि बड़ी संख्या में आवेदन आ सकते हैं। इसे देखते हुए 29 मार्च को विभाग ने ऑनलाइन रिसिप्ट और सेटलमेंट क्लेम के लिए नए सॉफ्टवेयर को लाया था। इसकी मदद से 1.37 लाख क्लेम को सेटल करते हुए विभाग की ओर से 279.65 करोड़ की राशि जारी की गई। विभाग का दावा है कि उनके द्वारा आने वाले आवेदनों को 72 घंटों में ही निराकृत किया जा रहा है। लाखों लोगों की परेशानी को देखते हुए EPFO ने KYC कम्पलाइंस के तहत डेट ऑफ बर्थ में सुधार करने में भी राहत दी है। विभाग द्वारा आधार कार्ड में लिखी गई जन्म तारीख को पीएफ रिकॉर्ड में सुधार के लिए पर्याप्त माना जा रहा है। बीते तीन सालों के सभी केस जिनमें जन्म तारीख में अंतर आ रहा है उन्हें EPFO द्वारा Accept किया जा रहा है।