दिल्ली (ईन्यूज एमपी)-भारतीय अंतरिक्ष संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में बड़ी छलांग लागाते हुए अपना निगरानी सैटेलाइट कार्टोसेट-3 लॉन्च कर दिया है और इसके साथ ही अमेरिका के 13 अन्य नैनो सैटेलाइट भी लॉन्च होंगे। इन सैटेलाइट को लॉन्च करने में 27 मिनट का समय लगा। इसरो की इस सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि इसरो को PSLV-C47 के Cortosat-3 के साथ एक और सफल लॉन्च पर मैं उन्हें बधाई देता हूं। इस लॉन्च में यह एक दर्जन से अधिक नैनो सैटेलाइट्स भी ले गया है। कार्टोसेट-3 हाई रिजॉल्यूशन वाली इमेजिंग कैपेबलिटी को और बेहतर करेगा। इसरो ने एक बार फिर से देश को गर्व करने का मौका दिया है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा लॉन्च पैड से पीएसएलवी एक्सएल वेरिएंट के जरिए इन सैटेलाइट को लॉन्च किया गया। जो सैटेलाइट लॉन्च किए गए हैं उनमें शामिल हैं - भारत का 1,625 किलो वजनी कार्टोसैट, 3 उपग्रह और 13 नैनो अमेरिकी सैटेलाइट। इसरो के वैज्ञानिकों के अनुसार, कार्टोसैट 3 एक तीसरी पीढ़ी का एडवांस सैटेलाइट है। उड़ान से पहले 17 मिनट तक पीएसएलवी रॉकेट पहले कार्टोस्टेट की आर्बिट में परिक्रमा करेगा। इसरो ने उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए 16 घंटे की उलटी गिनती की घोषणा करने के लिए ट्विटर पर लिखा, "श्रीहरिकोटा में लॉन्च पैड पर पीएसएलवी-सी 47 तैयार है। प्रक्षेपण के लिए 16 घंटे से भी कम समय का समय है। हमारे साथ बने रहें ...।" कार्टोसैट-3 का कुल वजन 1,625 किलोग्राम है। यह बड़े पैमाने पर शहरों की प्लानिंग, ग्रामीण संसाधन और बुनियादी ढांचे के विकास, समुद्र तटीय भूमि के उपयोग की जरूरतओं में मदद करेगा। इसरो ने कहा कि PSLV-C47 'XL' कॉन्फ़िगरेशन (छह ठोस स्ट्रैप-ऑन मोटर्स) में PSLV की यह 21वीं उड़ान है। अमेरिका के 13 नैनो उपग्रहों को न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के साथ हुए करार के तहत भेजे जा रहे हैं। 13 नैनो-उपग्रहों में 12 FLOCK-4P हैं, जिसका उद्देश्य पृथ्वी पर नजर रखना है। वहीं MESHBED नामक उपग्रह भी है, जिसका मिशन उद्देश्य कम्युनिकेश टेस्ट बैड है।