नई दिल्ली(ईन्यूज एमपी)- गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए पूरे देश में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन(एनआरसी) लिस्ट बनाने की बात कही है। इसके बाद से ही बांग्लादेश में घुसपैठ की घटनाएं बढ़ गई हैं। बांग्लादेश बॉर्डर पुलिस के मुताबिक, पिछले तीन हफ्तों में 300 से ज्यादा लोगों को सीमा पर घुसपैठ करते पकड़ा गया है। यह सभी लोग पूछताछ में खुद को बांग्लादेशी नागरिक बता रहे हैं। हालांकि, उनके पास नागरिकता साबित करने लायक कोई दस्तावेज नहीं है। बांग्लादेश के अखबार द डेली स्टार ने बॉर्डर पुलिस के हवाले से कहाकि सीमा पर 1-10 नवंबर के बीच कुल 204 लोग पकड़े गए। इनमें 67 बच्चे, 78 महिलाएं और 69 पुरुष शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए घुसपैठियों का कहना है कि वे 4-5 साल पहले बांग्लादेश छोड़कर भारत चले गए। इस दौरान वे कर्नाटक के बेंगलुरू और असम में रहे। हालांकि, असम के बाद देशभर में एनआरसीलिस्ट तैयार कराने के ऐलान के बाद गिरफ्तारी के डर से सभी लोग लौट रहे हैं। स्थानीय लोगों ने कहा- गिरफ्तार किए गए लोगों से कई ज्यादा बांग्लादेश पहुंच चुके बॉर्डर पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए ज्यादातर लोग बांग्ला बोलने वाले मुस्लिम हैं। वे अपने स्थानीय होने का दावा कर रहे हैं। हालांकि, उनके पास बांग्लादेश में अपने किसी रिश्तेदार का फोन नंबर तक नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बॉर्डर पुलिस ने अब तक जितनों को गिरफ्तार किया है, उनसे कई ज्यादा लोग बांग्लादेश में घुसपैठ कर चुके हैं। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने के लिए बेंगलुरुमें पुलिस का अभियान कर्नाटक के बेंगलुरुमें बांग्लादेशी प्रवासियों के छिपे होने का मुद्दा लंबे समय से विवाद का कारण बना है। राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद गृह मंत्री बासवराज बोम्मईने एनआरसी लाने की बात कही थी। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध प्रवासियों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने पिछले महीने बेंगलुरुईस्ट और बेंगलुरुसाउथ-ईस्ट से 60 बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया था। इन पर फॉरेनर्स एक्ट 1946 और आईपीसी की धारा 370 के तहत मामले दर्ज किए गए थे।