दिल्ली(ईन्यूज एमपी)- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को केंद्र सरकार के बड़े फैसले को लेकर संसद में प्रस्ताव पेश कर दिया। लंबे समय से जिस बात की चर्चा की जा रही थी उस अनुच्छेद 370 को लेकर अमित शाह ने राज्यसभा में इस हटाने का प्रस्ताव पेश कर दिया। जिस अनुच्छेद 370 को हटाने के प्रस्ताव दिया गया है उसे लेकर विपक्षी दल लंबे समय से विरोध जता रहे थे। आखिर क्या है अनुच्छेद 370 जिसे हटाने का कश्मीर और देश के राजनीतिक दल लगातार विरोध करते आ रहे हैं। इस धारा के हटने से कश्मीर पर क्या प्रभाव पड़ेगा जानिए हमारी इस खबर के माध्यम से क्या है अनुच्छेद 370 - जम्मू और कश्मीर के लिए यह प्रबंध शेख अब्दुल्ला ने वर्ष 1947 में किया था। शेख अब्दुल्ला को राज्य का प्रधानमंत्री महाराज हरि सिंह और पंडित जवाहर लाल नेहरू ने नियुक्त किया था। तब शेख अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को लेकर यह दलील दी थी कि संविधान में इसका प्रबंध अस्थायी रूप में ना किया जाए। - जिस धारा 370 को हटाने के प्रस्ताव दिया गया है वो एक अस्थायी प्रंबध के माध्यम से जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्ता वाले राज्य का दर्जा देता है। - देश के संविधान के सेक्शन 21 के तहत इस धारा में जम्मू-कश्मीर को यह अस्थायी, परिवर्ती और विशेष प्रबंध वाले राज्य का दर्जा हासिल होता है। - विशेष राज्य का दर्जा होने के कारण जम्मू-कश्मीर पर अब तक देश के अन्य राज्यों की तरह भारत सरकार के फैसले इस राज्य पर लागू नहीं होते थे। लेकिन 370 हटने के बाद अब इस राज्य पर भी केंद्र के सभी फैसले लागू होंगे। - संविधान के अनुच्छेद 370 की वजह से अब तक संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने सकती थी लेकिन किसी अन्य विषय से संबंधित कानून को लागू कराने के लिए केंद्र को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिए होता था। - राज्य के सभी नागरिक एक अलग कानून के दायरे के अंदर रहते हैं, जिसमें नागरिकता, संपत्ति खरीदने का अधिकार और अन्य मूलभूत अधिकार शामिल हैं। इसी धारा के कारण देश के दूसरे राज्यों के नागरिक इस राज्य में किसी भी तरीके की संपत्ति नहीं खरीद सकते हैं। धारा 370 हटने के बाद यह होगा असर - धारा 370 हटने के बाद अब जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार के सभी फैसले लागू होंगे। - धारा 370 हटने के साथ ही अब यहां केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए सभी कानून लागू होंगे।