भोपाल(ईन्यूज एमपी)- कमलनाथ सरकार का वर्ष 2019-20 का कुल बजट दो लाख करोड़ रुपए से अधिक का होगा। विधानसभा के मानसून सत्र में प्रस्तुत करने से पहले इसका मसौदा बुधवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट में रखा जा सकता है। वित्त विभाग ने मंगलवार को इसकी तैयारियों को अंतिम रूप देकर संक्षेपिका भेज दी। विभागों को योजनाओं के लिए भरपूर बजट दिया जाएगा। कर्जमाफी के लिए भी जरूरी राशि का प्रावधान रखा गया है। वहीं, सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण देने के प्रस्ताव के अलावा मेट्रो परियोजना का त्रिपक्षीय एमओयू भी अनुमोदन के लिए बैठक में रखा जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में सुबह 11 बजे से कैबिनेट बैठक होगी। इसमें एक दर्जन से ज्यादा मुद्दों पर विचार किया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से दस प्रतिशत सवर्ण आरक्षण (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) और 14 की जगह 27 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी संशोधन विधेयक का अनुमोदन के प्रस्ताव रखे जाने के आसार हैं। पिछली कैबिनेट में भी मंत्रियों ने सवर्ण आरक्षण लागू करने का मुद्दा उठाया था। इसके साथ ही वर्ष 2019-20 के लिए बजट का मसौदा भी विचार के लिए बैठक में रखने की तैयारी है। मुख्यमंत्री दो बार बैठक करके बजट की रूपरेखा को अंतिम रूप दे चुके हैं। बताया जा रहा है कि बजट में विभागों को योजनाओं के लिए भरपूर राशि रखी गई है। कर्जमाफी योजना के लिए पर्याप्त राशि का इंतजाम करने के साथ युवाओं के लिए नई योजना की घोषणा भी हो सकती है। कुछ गैर जरूरी या उद्देश्य पूरा कर चुकी योजनाओं को बंद करने के साथ समान प्रकृति की योजनाओं को आपस में जोड़ने की भी तैयारी है। कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद इसे छपने के लिए प्रिंटिंग प्रेस को दे दिया जाएगा। करों से जुड़े प्रावधान बजट पटल पर रखने से दो दिन पहले जोड़े जाएंगे। बजट की गोपनीयता के मद्देनजर बैठक के बाद मंत्रियों से इसके मसौदे की प्रति वापस ले ली जाएंगी। बताया जा रहा है कि मेट्रो परियोजना को गति देने के लिए त्रिपक्षीय एमओयू होना है। मुख्यमंत्री ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग को कैबिनेट में इसका मसौदा लाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा प्रस्तावित निकाय और पंचायत चुनाव को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग के लिए अस्थाई तौर पर 173 पद मंजूरी किए जाएंगे। छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय गठन के अध्यादेश की जगह विधानसभा में विधेयक रखने का प्रस्ताव अनुमोदन के लिए रखा जाएगा।