दिल्ली(ईन्यूज एमपी)- केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने बुधवार को मप्र को रेललाइन की महत्वपूर्ण सौगात दी। यह रेललाइन बुधनी से इंदौर (मांगलिया गांव) को सीधे जोड़ेगी। 205.5 किमी लंबी इस लाइन पर 3261.82 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह नसरुल्लागंज, खातेगांव और कन्नौद जैसे कस्बों से गुजरेगी जो अभी रेल से वंचित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई समिति की बैठक के बाद बताया गया कि परियोजना का मुख्य मकसद पिछड़े इलाके का विकास और इंदौर से जबलपुर, इंदौर से मुंबई और दक्षिणी राज्यों की ओर ट्रेन से जाने के समय में कमी लाना है। अभी भोपाल होकर जबलपुर जाना होता है। इसमें 68 किमी की दूरी बढ़ जाती है। 29 जगह बनाना पड़ेंगे रेल ओवरब्रिज, छह सुरंग - नए स्टेशन-17, ओवरब्रिज- 29 - रोड अंडरब्रिज-89, बड़े पुल- 64 - छोटे पुल-47, जमीन की जरूरत- 881 हेक्टेयर (615 हेक्टेयर कृषि और 266 हेक्टेयर वन भूमि) - जमीन अधिग्रहण की लागत- 405.55 करोड़ सुरंगें- छह (कुल लंबाई 7.15 किमी) यह नहीं बताया गया है कि कब से काम शुरू होगा और यह कब तक पूरी होगी। ऐसी होगी परियोजना - प्रस्तावित रेल लाइन सीहोर जिले के बुधनी के मौजूदा यार्ड से शुरू होगी और इंदौर के पास पश्चिम रेलवे के मौजूदा स्टेशन के मांगलियागांव को जोड़ेगी। - पूरे रेलमार्ग में दस नए क्रॉसिंग स्टेशन और सात नए हाल्ट स्टेशन प्रस्तावित हैं। - नई रेल लाइन का फायदा मप्र के सीहोर, देवास और इंदौर जिलों को मिलेगा। - बुधनी सीधे इंदौर से जुड़ जाएगा। इंदौर से बुधनी जाने के लिए भोपाल-इटारसी मार्ग पर नहीं जाना पड़ेगा। - यह रेललाइन रक्षा बलों के भी फायदेमंद होगी क्योंकि इंदौर में तीन प्रमुख संस्थान हैं। - रेललाइन से इलाके की सामाजिक-आर्थिक दशा में बदलाव आएगा। परियोजना आंकड़ों में - 205 किमी लंबी होगी रेललाइन - 68 किमी कम होगी इंदौर जबलपुर की दूरी - 3261.82 करोड़ रु. लागत - 10 क्रॉसिंग स्टेशन व 7 नए हाल्ट स्टेशन होंगे - 49.32 लाख मानव दिवस पैदा होंगे