जबलपुर(ईन्यूज़ एमपी)- कलेक्टर छवि भारद्वाज और एसपी अमित सिंह शनिवार की दोपहर शहपुरा तहसील के दौरे पर निकले। शहपुरा मुख्य मार्ग पर पहुंचते ही कलेक्टर को शराब दुकान खुली नजर आई। उन्होंने कार रुकवाई और तहसीलदार से पूछा ये वही शराब दुकान है न जो एक हफ्ते पहले सील की गई थी। जवाब हां में मिला तो कलेक्टर कार से उतरकर दुकान के सामने जा पहुंचीं।
दुकान से सटकर बने अवैध अहाता को कलेक्टर ने देखा तो वहां से शराबी जा चुके थे, लेकिन प्लेटें रखीं हुई थीं। इतना सब देखकर कलेक्टर ने कहा कि इतनी धृष्टता बर्दाश्त नहीं करूंगी जैसी यहां चल रही है। फिर क्या था दुकान और अहाता को दोबारा सील कर दिया गया। वहीं, सहायक जिला आबकारी अधिकारी पीके जैन और उप निरीक्षक आबकारी एसके यादव को तत्काल निलंबित करने व दुकान का लाइसेंस निरस्त करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर दुकान के पास पहुंंचीं और कर्मचारियों से पूछा कि ये दुकान सील कर दी गई थी तब किसकी परमिशन से खोली है। ठेकेदार कर्मचारियों ने अपने सामने कलेक्टर और एसपी को देखा तो उनके मुंह से बोल नहीं फूटे।
23 अगस्त को शहपुरा तहसीलदार अनूप श्रीवास्तव ने आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक शराब दुकान की जांच की। मौके पर उन्हें स्टॉक रजिस्टर व अन्य दस्तावेज नहीं मिले। जिसके चलते दुकान और गोदाम को सील कर जांच रिपोर्ट कलेक्टर कार्यालय को भेजी गई। लेकिन दूसरे ही दिन 24 अगस्त को आबकारी अफसरों की सांठगांठ से दुकान की सील तोड़ी गई और बिक्री फिर शुरू कर दी गई।
इस मामले में कलेक्टर ने सहायक आयुक्त के साथ मैदानी अफसरों के नाम नोटिस जारी किए थे। बावजूद इसके दुकान को बंद करने की जगह उसे बिक्री करने दिया गया।