जबलपुर(ईन्यूज एमपी)- सतपुड़ा नर्मदा रीजनल रूरल बैंक के ब्रांच मैनेजर राकेश कटारे को महज प्राइवेट कंप्लेंट के आधार पर 25 वर्ष पूर्व संस्थित विभागीय जांच के जरिए परेशान किए जाने के रवैयै को आड़े हाथों लिया गया। इसी के साथ न केवल डीई निरस्त कर दी गई बल्कि बैंक के ऊपर 25 हजार की कॉस्ट भी लगा दी गई। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजेन्द्र मिश्रा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि बैंक प्रशासन ने नियमों का ठीक से पालन किए बिना याचिकाकर्ता को परेशान किया। इस रवैये के खिलाफ विभागीय स्तर पर आवेदन-निवेदन का कोई असर न होने पर हाईकोर्ट की शरण ली गई।